ब्रिटेन में बासमती चावल के शिपमेंट के प्रति भारतीय निर्यातक सतर्क

06-Aug-2025 12:10 PM

नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच पिछले महीने द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भारतीय समुद्री उत्पाद एवं कई कृषि उत्पादों से निर्यातक काफी उत्साहित हैं और उसकी सक्रियता बढ़ने लगी है

लेकिन भारतीय बासमती चावल निर्यातकों को थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ रही है। इसमें कोई शक नहीं कि सीमा शुल्क से मुक्त होने के कारण ब्रिटेन (इंग्लैंड) में भारतीय बासमती चावल का आयात खर्च घट गया है लेकिन पाकिस्तानी बासमती चावल को पूरी तरह बेदखल करना आसान नहीं होगा।

इसके लिए भारतीय निर्यातक को अपने बासमती चावल का निर्यात ऑफर मूल्य इस हद तक प्रतिस्पर्धी स्तर पर रखना पड़ेगा ताकि ब्रिटेन के आयातक पाकिस्तान से चावल मंगाना बंद कर सके।

सीमा शुल्क से छूट मिलने के बाद ब्रिटेन में भारतीय बासमती चावल का भाव स्वाभाविक रूप से आकर्षक स्तर पर आ जाएगा और भारत को इसका समुचित फायदा भी होगा।

दूसरी ओर इस स्थिति से वहां पाकिस्तानी चावल निर्यातकों की कठिनाई बढ़ जाएगी। पाकिस्तान अपने चावल के दाम में भारी  कटौती नहीं कर सकता है और थोड़ी-बहुत कटौती का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 

उल्लेखनीय है कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सेटा) पर पिछले महीने लन्दन में हस्ताक्षर हुए थे जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र के अनेक संवर्ग काफी खुश हैं।

लेकिन बासमती चावल के कुछ निर्यातकों को आशंका है कि आगामी समय में मामला उतना आसान नहीं होगा जीतना पहले समझा जा रहा था। 

सेटा पर हस्ताक्षर होने से पूर्व ब्रिटेन में भारत से निर्यात होने वाले ब्राउन बासमती चावल पर करीब 21 पौंड प्रति टन एवं सफेद बासमती चावल पर करीब 120-121 पौंड (या पाउंड) प्रति टन का भारी-भरकम आयात शुल्क लगा हुआ था।

सितम्बर माह में आयात शुल्क शीर्ष पर पहुंचता था और उसके बाद इसमें कमी आने लगती थी। यूरोपीय संघ में कुल मिलाकर भारत से लगभग 5 लाख टन बासमती चावल का आयात किया जाता है

मगर ब्रिटेन अब इसका सदस्य नहीं है और वहां नए एवं स्थायी बाजार का निर्माण करने के लिए भारत को मजबूत आधार तैयार करना पड़ेगा और साथ ही साथ पाकिस्तान की चुनौती को भी समाप्त करने का प्रयास करना होगा।