पंजाब में कपास के साथ-साथ मक्का की खेती में भी अच्छी प्रगति

11-Jun-2025 08:34 PM

चंडीगढ़। ऐसा प्रतीत होता है कि चालू खरीफ सीजन के दौरान पंजाब सरकर को अपनी फसल विविधिकरण योजना में अच्छी सफलता मिल सकती है।

राज्य में कपास का उत्पादन क्षेत्र पहले ही गत वर्ष के 2.49 लाख एकड़ से 20 प्रतिशत बढ़कर इस बार 2.98 लाख एकड़ पर पहुंच चुका है और इसकी बिजाई का अभियान लगभग समाप्त हो गया है।

इसी तरह राज्य में चालू माह के शुरूआती नौ दिनों में ही मक्का का उत्पादन क्षेत्र सुधरकर 54,000 एकड़ से ऊपर पहुंच गया जिसे काफी हद तक संतोषजनक माना जा रहा है। 

पंजाब के कृषि मंत्री ने कहा है कि एक पायलट परियोजना के अंतर्गत भटिंडा, संगरूर, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला जिले में जो किसान धान को छोड़कर खरीफ कालीन मक्का की खेती करेंगे उन्हें 17,500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य इन जिलों में मक्का का क्षेत्रफल 12,000 हेक्टेयर तक बढ़ाना है ताकि पानी की बचत हो सके।

किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदने का वादा भी किया गया है। उत्पादकों को गाइड और प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब में 200 किसान मित्र की नियुक्ति की गई है। 

जहां तक कपास का सवाल है तो इसका उत्पादन क्षेत्र फाजिल्का में सबसे अधिक 60,121 हेक्टेयर पर पहुंच गया इसके बाद मनसा जिले में 27,621 हेक्टेयर भटिंडा जिले में 17,080 हेक्टेयर तथा मुक्तसर जिले में 13,240 हेक्टेयर में कपास की खेती हुई। पंजाब के मालवा संभाग के आठ जिलों में कपास की खेती होती है। 

राज्य सरकार ने कपास के बीज की खरीद पर किसानों को 33 प्रतिशत की सब्सिडी देने का फैसला किया है। इसके लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।

अब तक इस सब्सिडी के लिए 49 हजार से अधिक किसान अपना पंजीकरण करवा चुके हैं जिसकी अवधि 15 जून तक नियत की गई है।