अमरीकी टैरिफ का मसाला निर्यात पर असर
02-Aug-2025 11:25 AM

संयुक्त राज्य अमरीका (यूएसए) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 7 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत की समान दर से आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है जिससे वहां भारत से अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ मसाला क्षेत्र के कुछ उत्पादों का निर्यात भी आंशिक रूप से प्रभावित होने की आशंका है।
इसमें कालीमिर्च, हल्दी और सौंठ आदि मसाले शामिल हैं। नए टैरिफ के बाद अमरीका में ये भारतीय मसाले कीमतों की दृष्टि से वियतनाम एवं इंडोनेशिया जैसे प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले कम आकर्षक हो जाएंगे। इसके फलस्वरूप आशियान क्षेत्र से बढ़ती चुनौती के कारण अमरीकी बाजार में इन भारतीय मसालों की भागीदारी घट सकती है।
ध्यान देने वाली बात है कि अमरीका भारतीय मसालों का दूसरा सबसे प्रमुख आयातक देश है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान अमरीका को भारत से 71.10 करोड़ डॉलर मूल्य के मसालों एवं मसाला उत्पादों का निर्यात किया गया जो 2023-24 के निर्यात 61.929 करोड़ डॉलर से 15 प्रतिशत अधिक रहा।
मसालों के निर्यात मात्रा में भी इस अवधि के दौरान 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 1.114 लाख टन से बढ़कर 1.256 लाख टन पर पहुंच गई।
भारतीय मसाला निर्यातक इस महत्वपूर्ण बाजार में भागीदारी घटने की आशंका से चिंतित हैं क्योंकि उन्हें इसकी क्षतिपूर्ति के लिए नए बाजारों की तलाश करनी पड़ेगी।
दरअसल क्वालिटी बेहतर होने से भारतीय मसालों का दाम कुछ ऊंचा रहता है लेकिन नए टैरिफ के बाद यदि यह जरूरत से ज्यादा ऊंचा हो गया तो अमरीकी आयातकों की दिलचस्पी इसमें घट सकती है जिसका फायदा अन्य आपूर्तिकर्ता देशों को मिल जाएगा।
समस्या केवल टैरिफ तक सीमित नहीं है। अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत अगर रूस से रक्षा उपकरण एवं पेट्रोलियम की खरीद जारी रखता है तो अमरीका में उसके आयातित उत्पादों पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है।
अमरीका में वियतनामी उत्पादों पर 20 प्रतिशत एवं इंडोनेशिया उत्पादों पर 19 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया है। भारत दुनिया में मसालों का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है।
टैरिफ और पेनाल्टी की वजह से निकट भविष्य में अमरीका में भारतीय मसालों का निर्यात आंशिक रूप से प्रभावित हो सकता है लेकिन अगले तीन-चार महीनों में स्थिति सामान्य हो जाने की उम्मीद है।
फिलहाल अमरीका में भारतीय मसालों पर 10 प्रतिशत का शुल्क लागू है और आयातकों को इससे कोई परेशानी नहीं है लेकिन नए टैरिफ से वहां मसालों का दाम स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगा।