एमएसपी पर खरीद में कठिनाई होने से पीएसएफ के तहत चना की खरीद संभव

24-May-2025 01:06 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय पूल (बफर स्टॉक) के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा प्रमुख उत्पादक राज्यों में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कुल 28 लाख टन चना की खरीद करने की स्वीकृति दी गई है लेकिन इस योजना के अंतर्गत अभी तक 2.50 लाख टन से भी कम चना खरीदा गया है।

मंडियों में नए चने की आवक घटने वाली है जिससे संकेत मिलता है कि रबी सीजन के इस सर्वाधिक महत्वपूर्ण दलहन की आपूर्ति का पीक समय लगभग समाप्त हो गया है। 

चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2023-24 सीजन के 5440 रुपए प्रति क्विंटल से 210 रुपए बढ़ाकर 2024-25 सीजन के लिए 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

यद्यपि हाल के महीनों में चना का थोक मंडी भाव अपने शीर्ष स्तर से घटकर काफी नीचे आया है मगर फिर भी यह सरकारी समर्थन मूल्य के आसपास या उससे कुछ ऊपर चल रहा है। इंदौर मंडी में पिछले दिन इसका दाम 6050-6100 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।

इसके फलस्वरूप नैफेड तथा एनसीसीएफ जैसी सरकारी एजेंसियों को अपेक्षित मात्रा में चना खरीदने में सफलता नहीं मिल रही है। केन्द्रीय बफर स्टॉक में चना की बहुत कम मात्रा उपलब्ध है जबकि ऑस्ट्रेलिया एवं तंजानिया सहित अन्य देशों में इसके आयात की गति भी धीमी पड़ गई है।

आयात की निरंतरता को बरकरार रखने के लिए सरकार ने चना पर केवल 10 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा रखा है जबकि एक साल पूर्व यह 60 प्रतिशत लागू था। मालूम हो कि सरकार ने मई 2024 में ही चना के आयात को शुल्क मुक्त किया था। 

केन्द्रीय बफर स्टॉक के लिए 2021-22 के सीजन में 26.10 लाख टन चना की रिकॉर्ड खरीद हुई थी और 2022-23 में भी 23.50 लाख टन की शानदार खरीद की गई थी।

लेकिन इसके बाद बाजार भाव बढ़ने से 2023-24 के सीजन में सहकारी एजेंसियां केवल 43,120 टन चना खरीदने में सफल हो सकीं और अब 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में भी एजेंसियों की सीमित मात्रा में इसकी खरीद करने में सफलता मिल रही है।

सरकारी गोदामों में माल का पर्याप्त स्टॉक मौजूद नहीं रहने के कारण पिछले साल जब चना का घरेलू बाजार भाव ऊंचा और तेज हुआ तब इस पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने में सरकार को कठिनाई हुई। 

इस बार सरकार शायद ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहेगी। यदि मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत चना की खरीद में दिक्कत हुई तो सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) स्कीम के तहत बाजार में प्रचलित मूल्य पर चना खरीदने का निर्णय ले सकती है।

चना का खुला बाजार भाव समर्थन मूल्य से ऊंचा है जबकि पीएसएफ स्कीम लागू होने पर कीमतों में कुछ और सुधार आ सकता है।