कर्नाटक में मक्का तथा कपास के रकबे में सुधार- अन्य फसलों की बिजाई सामान्य

24-Jun-2025 10:53 AM

बंगलोर। देश के दक्षिणी राज्य- वर्तमान में खरीफ फसलों की जोरदार बिजाई का सिलसिला जारी है और इस बार किसान खासकर मक्का तथा कपास की खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

मक्का की घरेलू मांग एवं खपत तेजी से बढ़ रही है जबकि कपास की सरकारी खरीद अक्सर होती रहती है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि राज्य में तुवर का रकबा गत वर्ष से पीछे चल रहा है।

पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस वर्ष 20 जून तक कर्नाटक में मक्का के बिजाई क्षेत्र में करीब 10 प्रतिशत और कपास के क्षेत्रफल में 39 प्रतिशत का इजाफा हो चुका था। 

राज्य कृषि विभाग के साप्तहिक आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक से चालू खरीफ सीजन के दौरान मक्का का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 9.92 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 5.98 लाख हेक्टेयर से करीब 10 प्रतिशत तथा इस अवधि तक के लिए नियत सामान्य औसत क्षेत्रफल 4.58 लाख हेक्टेयर के दोगुने से ज्यादा है। 

अनाजी फसलों में धान तथा बाजरा के उत्पादन क्षेत्र में थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई है मगर ज्वार एवं रागी की बिजाई कुछ पीछे चल रही है। लेकिन मक्का की वजह से अनाजी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 10.67 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 11.61 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

इस वर्ष राज्य में 1-20 जून के दौरान 128 मि०मी० बारिश हुई जो समानय औसत 124 मि०मी० से अधिक है। कर्नाटक में इस बार 82.50 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बिजाई का लक्ष्य रखा गया है। 

लेकिन दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 10.37 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 9.75  लाख हेक्टेयर पर अटक गया। इसके तहत तुवर का बिजाई क्षेत्र 5.73 लाख हेक्टेयर से गिरकर 4.88 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का क्षेत्रफल 93 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 69 हजार हेक्टेयर रह गया जबकि मूंग का रकबा 3.35 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.57 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। 

तिलहन फसलों में मूंगफली एवं सोयाबीन की बिजाई पीछे चल रही है मगर सूरजमुखी का रकबा कुछ आगे हो गया है। नकदी या औद्योगिक फसलों में कपास का उत्पादन क्षेत्र 2.40 लाख हेक्टेयर से 39 प्रतिशत उछलकर 3.35 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का क्षेत्रफल 4.55 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.18 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। तुवर का रकबा घटना चिंता का विषय है।