राजस्थान में सरसों एवं चना की बिजाई बढ़ने तथा गेहूं का रकबा घटने की संभावना

17-Oct-2025 11:08 AM

जयपुर। पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान राजस्थान में सरसों तथा चना के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है जबकि गेहूं का रकबा कुछ घटने की संभावना है।

जौ का क्षेत्रफल भी कुछ बढ़ने के आसार हैं क्योंकि इससे किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त हुई है। अन्य रबी फसलों की बिजाई सामान्य रह सकती है।

राजस्थान के कृषि मंत्रालय द्वारा विभिन्न रबी फसलों की बिजाई के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उससे पता चलता है कि मौजूदा रबी सीजन में सरसों का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 36 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सकता है।

है जो पिछले साल के वास्तविक बिजाई क्षेत्र 33.72 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। इसी तरह चना का क्षेत्रफल 21.90 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है जबकि गत वर्ष 16.93 लाख हेक्टेयर में इस महत्वपूर्ण दलहन की खेती हुई थी। 

उल्लेखनीय है कि राजस्थान देश में सरसों का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है जो इसके कुल राष्ट्रीय उत्पादन में 45 से 49 प्रतिशत तक का योगदान देता है।

चूंकि सरसों का थोक मंडी भाव पिछले कई महीनों से काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है और केन्द्र सरकार ने इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अच्छी बढ़ोत्तरी भी कर दी है

इसलिए रबी सीजन की इस सर्वाधिक महत्वपूर्ण तिलहन फसल की खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने के पक्के आसार हैं। शीघ्र ही वहां इसकी बिजाई जोर पकड़ने की संभावना है। 

राजस्थान चना के शीर्ष उत्पादक प्रांतों में शामिल है। इसकी खेती में भी दिलचस्पी काफी बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि इसका एमएसपी बढ़ाया गया है और बाजार भाव भी सही स्तर पर चल रहा है।

विदेशों से इसके आयात में कमी आ रही है। अगर पीली मटर पर भारी-भरकम आयात शुल्क लगाया गया तो चना की बिजाई में भारी बढ़ोत्तरी हो सकती है। 

हालांकि केन्द्र सरकार ने गेहूं के एमएसपी में भी अच्छी बढ़ोत्तरी की है और पिछले सीजन के दौरान राजस्थान में गेहूं उत्पादकों को बोनस भी दिया गया था जिससे वहां सरकारी खरीद में इजाफा हुआ था

लेकिन उत्पादकों का रुझान इस बार सरसों चना तथा जौ की तरफ ज्यादा है इसलिए गेहूं की बिजाई में बढ़ोत्तरी होना मुश्किल लगता है।