दलहनों की खेती में किसानों की दिलचस्पी बरकरार
25-Jun-2025 08:24 PM

नई दिल्ली। हालांकि विभिन्न कारणों से प्रमुख दलहनों का घरेलू बाजार भाव काफी नरम पड़ गया है लेकिन फिर भी इसकी बिजाई में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बरकरार है।
इसका कारण यह है कि एक तो सरकार ने तुवर एवं उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अच्छी बढ़ोत्तरी कर दी है और दूसरे, मानसून की बारिश भी जोर पकड़ने लगी है।
कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां दलहनों की खेती के अलावा किसानों के पास कोई दूसरा ठोस विकल्प मौजूद नहीं होता। उधर सरकार ने किसानों से एमएसपी पर तुवर एवं उड़द की 100 प्रतिशत खरीद की गारंटी दे रखी है।
पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान 20 जून तक राष्ट्रीय स्तर पर दलहनों का कुल उत्पादन क्षेत्र 6.63 लाख हेक्टेयर से 2.81 लाख हेक्टेयर बढ़कर 9.44 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसके तहत अरहर (तुवर) का बिजाई क्षेत्र तो 2.61 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 2.48 लाख टन पर अटक गया क्योंकि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों के महत्वपूर्ण उत्पादक जिलों में वर्षा कम हुई और किसानों को ज्यादा जोखिम नहीं उठाने की सलाह दी गई है
लेकिन दूसरी ओर उड़द का रकबा 62 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.39 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का क्षेत्रफल 2.67 लाख हेक्टेयर से उछलकर 4.43 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। कुलथी एवं मोठ सहित अन्य दलहनों का रकबा भी 74 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.02 लाख हेक्टेयर हो गया है।
समय के साथ दलहन फसलों के उत्पादन क्षेत्र में निरन्तर बढ़ोत्तरी होती जाएगी। जुलाई-अगस्त में इसकी बिजाई की रफ्तार काफी तेज रहती है क्योंकि उस समय सभी क्षेत्रों में अच्छी बारिश होती है।
उम्मीद की जा रही है कि इस बार दलहनों के उत्पादन क्षेत्र में इजाफा होगा और इसका उत्पादन भी बेहतर रहेगा जिससे आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
सरकार ने तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7550 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 8000 रुपए प्रति क्विंटल तथा उड़द का समर्थन मूल्य 7400 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7800 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है। मूंग के एमएसपी में 86 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है।