50 प्रतिशत के टैरिफ से अमरीका में भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात होगा प्रभावित
08-Aug-2025 10:44 AM

नई दिल्ली। अमरीका में 7 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत का आयात शुल्क (टैरिफ) लागू हो चुका है जबकि 27 अगस्त से 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क प्रभावी होने वाला है।
इस तरह ब्राजील के साथ भारत ऐसे गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है जिसके उत्पादों पर अमरीका में 50 प्रतिशत या उससे अधिक का टैरिफ वसूला जाएगा।
इस बीच 25 अगस्त को अमरीका का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आने वाला है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए छठे दौर की बातचीत शुरू होने वाली है।
जानकारों का कहना है कि इस नई टैरिफ नीति से अमरीका में विभिन्न उत्पादों का आयात महंगा होगा और महंगाई बढ़ने पर आम लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
इस नए टैरिफ से अमरीका में भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात भी प्रभावित होने की आशंका है जिसमें बासमती चावल एवं मसाले मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके अलावा ग्वार गम एवं अरंडी तेल का आयात करना अमरीका को महंगा पड़ेगा जिसका निर्यात मुख्यतः भारत से ही होता है।
निर्यातकों का कहना है कि भारत से अमरीका को कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए ऊंचे स्तर का शिपमेंट खर्च उठाना पड़ता है जिससे अमरीकी बाजार में लैटिन अमरीकी देशों के मुकाबले भारतीय उत्पाद का दाम गैर प्रतिस्पर्धी हो जाता है।
अब यदि इस पर 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क लग गया तो वहां भारतीय कृषि एवं बागवानी उत्पादों का निर्यात करना काफी हद तक असंभव हो जाएगा।
लेकिन कुछ ऐसे उत्पाद हैं जिसके आयात के लिए अमरीका काफी हद तक निर्भर करता है और इस पर ऊंचे दर का टैक्स लगने के बावजूद भारत से इसका निर्यात संभव हो सकता है। इसमें अनार भी शामिल हैं।
अमरीका में पेरू से इसका आयात होता है लेकिन वहां उत्पादन सीमित होने से स्टॉक जल्दी खत्म हो जाता है और तब अमरीकी आयातकों को कुछ महीनों तक भारत से इसे मंगाना पड़ता है।
बासमती चावल के निर्यात में भारत को पाकिस्तान की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा क्योंकि पाकिस्तानी उत्पादों पर अमरीका में केवल 19 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है। मसालों का निर्यात भी आंशिक रूप से प्रभावित होने की आशंका है क्योंकि वियतनाम एवं इंडोनेशिया पर कम टैरिफ लगाया गया है।