आपूर्ति की अधिकता एवं रुपए की नरमी से भारतीय चावल का निर्यात मूल्य लुढ़का

08-Aug-2025 11:28 AM

हैदराबाद। घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम रहने तथा डॉलर के सापेक्ष रुपया की विनिमय दर कमजोर पड़ने से भारतीय चावल का निर्यात ऑफर मूल्य घटकर पिछले तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है।

उधर फिलीपींस द्वारा अपने धान उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए चावल का आयात स्थगित किए जाने से वियतनाम में भी इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के निर्यात ऑफर मूल्य में गिरावट आ गई है जबकि थाईलैंड में चावल का भाव लगभग स्थिर बना हुआ है। 

जानकार सूत्रों के अनुसार भारत के 5 प्रतिशत टूटे सेला चावल का निर्यात ऑफर मूल्य घटकर अब 369-374 डॉलर प्रति टन पर आ गया है जो अगस्त 2022 के बाद का सबसे निचला स्तर है।

गत सप्ताह यह ऑफर मूल्य 375-380 डॉलर प्रति टन चल रहा था। भारत के 5 प्रतिशत टूटे सफेद चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 360-368 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है। 

राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि रुपए की विनिमय दर में नरमी आने से भारतीय निर्यातकों को चावल का ऑफर मूल्य घटाने का अवसर मिल रहा है।

इसके फलस्वरूप अन्य आपूर्तिकर्ता देशों की तुलना में भारतीय चावल की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ गई है। भारत में चावल का निर्यात योग्य विशाल भंडार मौजूद है और इसकी आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है। डॉलर की तुलना में भारतीय रुपए का मूल्य घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर के आसपास रह गया है। अमरीका में भारतीय चावल की मांग कमजोर पड़ने की संभावना है क्योंकि वहां इस पर ऊंची दर का टैरिफ लगा दिया गया है। 

उधर वियतनाम में 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य गत सप्ताह के 395-400 डॉलर प्रति टन से घटकर अब 391 डॉलर प्रति टन पर आ गया है क्योंकि इसके सबसे प्रमुख खरीदार देश- फिलीपींस के चावल के आयात को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष जुलाई में वियतनामी चावल का निर्यात 4.2 प्रतिशत बढ़कर 7.82 लाख टन पर पहुंच गया।

इसके साथ ही चालू वर्ष के शुरुआती 7 महीनों में वियतनामी चावल का कुल निर्यात 3.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 55 लाख टन पर पहुंच गया। 

थाईलैंड के 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 370 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया जबकि पिछले सप्ताह 370-375 डॉलर प्रति टन के बीच चल रहा था।