चावल की सरकारी खरीद 531 लाख टन से ऊपर पहुंची
02-Jul-2025 10:49 AM

नई दिल्ली। केन्द्रीय पूल के लिए चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान जून 2025 तक (वस्तुतः इसके समतुल्य धान) की सरकारी खरीद बढ़कर 531.13 लाख टन पर पहुंच गई जिसमें रबी मार्केटंग सीजन के दौरान खरीदा गया 68 लाख टन से अधिक चावल भी शामिल है।
पिछले मार्केटिंग सीजन में कुछ 525.48 लाख टन चावल की सरकारी खरीद हुई थी जिसके मुकाबले इस बार कुछ ज्यादा खरीद हुई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सहित अन्य विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं / कार्यक्रमों के अंतर्गत लगभग 410 लाख टन चावल की आपूर्ति की जरूरत पड़ेगी।
जबकि मान्य नियमों के अनुसार 1 जून को केन्द्रीय पूल में कम से कम 135 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद रहना अनिवार्य है। इस तरह कुल मिलाकर 545 लाख टन चावल की जरूरत पड़ेगी।
1 जुलाई को सरकार के पास 321 लाख टन चावल का भारी भरकम स्टॉक उपलब्ध था और लगभग इतनी ही मात्रा में धान का भी स्टॉक मौजूद था।
यह धान 230 लाख टन चावल के समतुल्य है। इस तरह वास्तविक अर्थ में सरकार के पास घरेलू मांग एवं जरूरत के मुकाबले बहुत अधिक चावल का स्टॉक है जबकि तीन महीने के बाद धान की नई फसल की कटाई-तैयारी मंडियों में आपूर्ति एवं सरकारी खरीद आरंभ हो जाएगी।
सरकार पर इस अतिरिक्त चावल के विशाल स्टॉक को बाहर निकालने के लिए जबरदस्त दबाव बना हुआ है और वह इसके लिए विभिन्न उपायों की तलाश कर रही है।
चूंकि इस बार मानसून की बारिश अच्छी होने की उम्मीद है और धान का रकबा भी बढ़ रहा है इसलिए अगला उत्पादन एक बार फिर शानदार होने के आसार हैं। उस समय खरीदें जाने वाले चावल के विशाल स्टॉक के सुरक्षित भंडारण का गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि 2024-25 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत में चावल का उत्पादन तेजी से बढ़कर 1490.70 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जिसमें खरीफ सीजन का 1218.50 लाख टन का उत्पादन भी शामिल है।
चावल का शेष उत्पादन रबी एवं जायद सीजन के दौरान हुआ। खरीफ कालीन धान-चावल की सरकारी खरीद 30 जून को समाप्त हो गई।
1 अप्रैल 2025 से रबी कालीन चावल की खरीद आरंभ हुई जिसके लिए सरकार ने 71.70 लाख टन की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। पश्चिम बंगाल में 19.91 लाख टन चावल खरीदा गया जो गत वर्ष के 16.79 लाख टन से काफी अधिक रहा।