गन्ना के एफआरपी में वृद्धि के अनुरूप चीनी का एमएसपी बढ़ाने का आग्रह

01-May-2025 11:29 AM

नई दिल्ली। 2025-26 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में की गई 4 प्रतिशत की वृद्धि के निर्णय का स्वागत करते हुए शीर्ष उद्योग संस्था इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने इसके अनुरूप चीनी के एक्स फैक्ट्री न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) तथा एथनॉल के दाम में भी इजाफा करने का आग्रह सरकार से किया है।

इस्मा के अनुसार गन्ना के एफआरपी में वृद्धि होने से चीनी मिलों के लिए लागत खर्च बढ़ जाएगा इसलिए सरकार को इसी अनुपात में चीनी तथा एथनॉल का दाम बढ़ाना चाहिए। 

इस्मा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि गन्ना का एफआरपी बढ़ाना सरकार का एक प्रगतिशील एवं किसान हितैषी निर्णय है जो दर्शाता है कि गन्ना उत्पादकों के कल्याण के लिए सरकार अपने संकल्प पर कायम है।

इस फैसले से किसानों की आमदनी में अच्छी बढ़ोत्तरी होगी। इस संशोधित एफआरपी से देश के लगभग साढ़े पांच करोड़ गन्ना किसानों को 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की अतिरिक्त आमदनी होगी और चीनी मिलों द्वारा उसे किया जाने वाला कुल भुगतान भी बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच जाएगा। 

बयान में आगे कहा गया है कि सरकार के इस निर्णय से न केवल गन्ना उत्पादकों को राहत मिलेगी बल्कि अग्रिम क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था भी मजबूत होगी लेकिन सरकार को गन्ना के एफआरपी में हुई बढ़ोत्तरी का चीनी उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि उद्योग पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार न पड़े।

सम्पूर्ण मूल्य शृंखला की निरंतरता और स्थिरता बरकरार रखने हेतु चीनी के एमएसपी एवं एथनॉल के बिक्री मूल्य में इजाफा होना आवश्यक है ताकि चीनी मिलों की ओर से गन्ना किसानों को सही समय पर बकाया मूल्य का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।