जीएम मक्का खरीदने के लिए भारत पर अमरीका का जबरदस्त दबाव

17-Oct-2025 06:57 PM

नई दिल्ली। अमरीका में मक्का का जोरदार उत्पादन हो रहा है मगर इसके खरीदारों की कमी पड़ गई है जिससे उसके उत्पादक बेचैन हैं।

पिछले साल वहां 15 अरब बुशेल या 38.30 करोड़ टन मक्का का शानदार उत्पादन हुआ था और घरेलू खपत के बाद इसका विशाल निर्यात योग्य स्टॉक बच गया था।

इस बार भी वहां जोरदार उत्पादन होने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन खरीदारों का पुनः अभाव देखा जा रहा है। वहां मक्का के नए माल की आवक पहले ही शुरू हो चुकी है। 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में अमरीका से 13.70 अरब डॉलर मूल्य के 6.20 करोड़ टन मक्का का निर्यात हुआ था। 

2025-26 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन में दो प्रमुख आयातक देश- चीन तथा मैक्सिको में अमरीकी मक्का की खरीद के प्रति ज्यादा उत्साह नहीं देखा जा रहा है जिससे ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ अमरीका के मक्का उत्पादकों की नाराजगी बढ़ने की आशंका है।

इसके लिए वैकल्पिक बाजार की तलाश में है और भारत को निशाना बनाने का प्रयास कर रहा है। भारत फिलहाल मक्का के उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर है और यहां जीएम मक्का के आयात, उत्पादन, उपयोग तथा कारोबार पर सख्ती से प्रतिबंध लगा हुआ है। अमरीका में उत्पादित 96 प्रतिशत मक्का जीएम श्रेणी का और 4 प्रतिशत परम्परागत किस्म का होता है। 

हालांकि कुछ लोग सिर्फ एथनॉल निर्माण में उपयोग के लिए अमरीकी जीएम मक्का के आयात की अनुमति दिए जाने के पक्ष में है लेकिन सरकार को आशंका है

कि यदि सस्ते अमरीकी मक्के का जोरदार आयात शुरू हुआ तो भारतीय किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा अमरीकी जीएम मक्का भारतीय खेतों तक भी पहुंचने की आशंका रहेगी। 

भारत में प्रतिवर्ष करीब 350-360 लाख टन मक्का का उत्पादन होता है पहले भारत से विदेशों को अच्छी मात्रा में इसका निर्यात किया जाता था लेकिन एथनॉल उद्योग में बढ़ती मांग के कारण अब निर्यात लगभग बंद हो गया है।

लेकिन बाजार भाव ऊंचा होने से किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है और मक्का की खेती में उसका उत्साह बरकरार है।