कपास के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आने के संकेत

29-Jul-2025 08:38 PM

नई दिल्ली। कपास की खेती में इस बार भी किसानों की दिलचस्पी घटने के संकेत मिल रहे हैं। वर्ष 2023 में इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 127 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा था जो 2024 में करीब 14 लाख हेक्टेयर घटकर 113 लाख हेक्टेयर के करीब रह गया।

2025 के वर्तमान खरीफ सीजन में 25 जुलाई तक इसका बिजाई क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर 103.15 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जो पिछले साल की समान अवधि के क्षेत्रफल 105.50 लाख हेक्टेयर से 2.35 लाख हेक्टेयर कम है।

सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- गुजरात में इसका रकबा 23.15 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 20.17 लाख हेक्टेयर रह गया। दूसरी ओर इसका उत्पादन क्षेत्र कर्नाटक में 6.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 7.50 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 5.03 लाख हेक्टेयर से उछलकर 6.28 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

आंध्र प्रदेश में 23 जुलाई तक इसका बिजाई क्षेत्र 1.86 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 2.42 लाख हेक्टेयर और तेलंगाना में 39.81 लाख एकड़ से बढ़कर 42 लाख एकड़ पर पहुंचा था।

लेकिन महाराष्ट्र में 21 जुलाई तक कपास का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 39.84 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 37.44 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

कपास  के अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु तथा उड़ीसा में कपास की बिजाई लगभग सामान्य आंकी जा रही है। गुजरात और महाराष्ट्र देश के दो शीर्ष कपास उत्पादक राज्य है।

सरकार ने कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 589 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है। इसके फलस्वरूप मीडियम रेशेवाली कपास का समर्थन मूल्य 7121 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 7710 रुपए प्रति क्विंटल  तथा लम्बे रेशेवाली श्रेणी का समर्थन मूल्य 7521 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 8110 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।