महाराष्ट्र में खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से 2.67 लाख हेक्टेयर पीछे
30-Jul-2025 05:49 PM

मुम्बई। देश के पश्चिमी प्रान्त- महाराष्ट्र में खरीफ फसलों की बिजाई नियमित रूप से जारी है मगर मानसून की बारिश कहीं कम और कहीं ज्यादा होने से बिजाई की रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई है।
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में इस वर्ष 28 जुलाई तक खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 132.77 लाख हेक्टेयर तक पहुंच सका जो पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 135.45 लाख हेक्टेयर से करीब 2.67 लाख हेक्टेयर कम है। मक्का को छोड़कर अन्य सभी फसलों का रकबा गत वर्ष से कुछ पीछे चल रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान महाराष्ट्र में धान का उत्पादन क्षेत्र 9.11 लाख हेक्टेयर से गिरकर 8.94 लाख हेक्टेयर,
ज्वार का रकबा 1.01 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 82 हजार हेक्टेयर तथा बाजरा का बिजाई क्षेत्र 3.91 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.13 लाख हेक्टेयर पर अटक गया लेकिन मक्का का क्षेत्रफल 10.52 लाख हेक्टेयर से उछलकर 13.84 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने से धान एवं मोटे अनाजों का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 25.22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 27.30 लाख हेक्टेयर हो गया।
दलहन फसलों का उत्पादन पिछले साल के 18.76 लाख हेक्टेयर से गिरकर इस बार 17.93 लाख टन रह गया। इसके तहत अरहर (तुवर) का बिजाई क्षेत्र 11.95 लाख हेक्टेयर से घटकर 11.77 लाख हेक्टेयर,
मूंग का बिजाई क्षेत्र 2.26 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 2.07 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का क्षेत्रफल 3.92 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.53 लाख हेक्टेयर पर आ गया। अन्य दलहनों का रकबा 56 हजार हेक्टेयर रहा जो गत वर्ष के 63 हजार हेक्टेयर से 7 हजार हेक्टेयर कम है।
तिलहन फसलों में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 49.37 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 48.24 लाख हेक्टेयर, मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 1.40 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.19 लाख हेक्टेयर तथा सूरजमुखी का क्षेत्रफल 9 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 4 हजार हेक्टेयर पर अटक गया। तिल की खेती 3 हजार हेक्टेयर में हुई है जबकि गत वर्ष 7 हजार हेक्टेयर में हुई थी।
इसी तरह कपास का उत्पादन क्षेत्र भी गत वर्ष के 40.49 लाख हेक्टेयर से 2.48 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 38.01 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है। फसलों की बिजाई अभी जारी है।