नए-नए क्षेत्रों में मानसून के पहुंचने से खरीफ फसलों की बिजाई तेज
23-Jun-2025 06:39 PM

नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून अब अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है जिससे अनेक राज्यों में बहुप्रतीक्षित वर्षा का दौर जारी है। उम्मीद की जा रही है कि यदि यह गति बरकरार रही तो चालू माह के अंत यानी 30 जून तक मानसून समूचे देश में पहुंच जाएगा।
लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वर्षा का वितरण भी समान रूप से होगा। भारी एवं नियमित वर्षा के लिए जुलाई तक इंतजार करना पड़ेगा। करीब दो सप्ताह तक ठहराव के बाद मानसून ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है।
मौसम विभाग के मुताबिक पिछले सप्ताह तक मानसून बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में सक्रिय हो चुका था जबकि चालू सप्ताह के दौरान दिल्ली पंजाब एवं हरियाणा में इसके प्रवेश कर जाने की संभावना है।
आमतौर पर मानसून जुलाई के प्रथम सप्ताह के अंत तक पश्चिमी राजस्थान में पहुंचकर सम्पूर्ण देश को कवर करता है जबकि इस वर्ष यह राजस्थान के कई जिलों में पहले ही पहुंच चुका है। अब भी इसका उत्तरी सिरा जयपुर तक फैला हुआ है।
मानसून की बारिश खरीफ फसलों के लिए जीवनदायिनी होती है। इसकी पहली बौछार के साथ किसान खरीफ फसलों की बिजाई आरंभ कर देते हैं और फिर इसका लम्बा सिलसिला शुरू हो जाता है।
प्रमुख कृषि उत्पादक राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, पंजाब, तेलंगाना, मराठवाड़ा, गुजरात एवं कर्नाटक में धान, तुवर, उड़द, मूंग, मक्का का ज्वार, बाजरा रागी, सोयाबीन, मूंगफली, तिल एवं कपास आदि की खेती खरीफ सीजन के दौरान विशाल क्षेत्रफल में की जाती है।
दक्षिणी राज्यों, महाराष्ट्र गोवा एवं पूर्वोत्तर भारत में मानसून मई में ही सक्रिय हो गया था और फिर दो सप्ताहों के विश्राम के बाद अब 16 जून से दोबारा सक्रिय हो गया है। इस बार यह देश के अन्य राज्यों को बारिश की सौगात दे रहा है।
यह तथ्य ध्यान रखने लायक है कि जून माह में राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की कुल वर्षा सामान्य औसत के अत्यन्त निकट पहुंच गई है लेकिन खास-खास क्षेत्रों में बारिश का अभाव बना हुआ है जिससे वहां खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार बढ़ाने में किसानों को कठिनाई हो रही है।