पश्चिम बंगाल में मक्का का क्षेत्रफल 60 हजार हेक्टेयर बढ़ाने का निर्णय
16-Jul-2025 01:09 PM

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पशु आहार, पॉल्ट्री फीड एवं फिश (मछली) फीड आदि के निर्माण में तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने अगले तीन वर्षों में मक्का के उत्पादन क्षेत्र में 60 हजार हेक्टेयर बढ़ोत्तरी करने का निर्णय लिया है।
एक आयोजन के दौरान बंगाल के खाद्य प्रसंकरण उद्योग एवं बागवानी मंत्री ने कहा कि राज्य में मक्का की हालत तेजी से बढ़ रही है और आगे भी बढ़ने की उम्मीद है इसलिए इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है।
इसके लिए एवं सिविल सोसायटी के सामूहिक प्रयास से आगे की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है। बंगाल में कृषि क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों में महिलाओं की भागीदारी 70 प्रतिशत के करीब रहती है और उसकी शक्ति बढ़ाई जाएगी।
पश्चिम बंगाल आमतौर पर धान और जूट के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य के तौर पर जाना जाता है जबकि वहां मक्का सहित कई अन्य फसलों और फलों-सब्जियों का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है।
बंगाल भारत का एकलौता ऐसा राज्य है जिसकी सीमा एक हिमाचल से तो दूसरी ओर समुद्र (बंगाल की खाड़ी) से मिलती है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि बंगाल देश में फलों सब्जियों के अग्रणी उत्पादक प्रांतों में शामिल है।
वहां सालाना करीब 163 लाख टन सब्जियों का उत्पादन एवं 95 लाख टन का उपयोग होता है। इसी तरह लगभग 40 लाख टन फलों का उत्पादन तथा 30-35 लाख टन का इस्तेमाल किया जाता है। फलों और सब्जियों के अधिशेष भाग को अन्य राज्यों अथवा देशों में भेजा जा सकता है और इसके लिए प्रयास आरंभ हो गया है।
सरकार का मानना है कि अगर मक्का के बिजाई क्षेत्र में अगले तीन साल के दौरान 60 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी का प्रयास सफल हो गया तो इसके उत्पादन में भारी वृद्धि हो जाएगी। और इससे औद्योगिक मांग को पूरा करना संभव हो सकेगा। तब बंगाल के खपतकर्ता उद्योगों को दूसरे राज्यों से मक्का मंगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।