तुवर एवं उड़द की बिजाई कम - मूंग की गत वर्ष से आगे

29-Jul-2025 05:40 PM

नई दिल्ली। खरीफ कालीन दलहनों फसलों की बिजाई में मिश्रित रुख देखा जा रहा है। एक तरफ मूंग एवं मोठ के उत्पादन क्षेत्र में शानदार बढ़ोत्तरी हो रही हो तो दूसरी ओर अरहर (तुवर) एवं उड़द के बिजाई क्षेत्र में गिरावट देखी जा रही है।

बेशक सरकार ने तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2024-25 सीजन के 7550 रुपए प्रति क्विंटल से 450 रुपए बढ़ाकर 8000 रुपए प्रति क्विंटल तथा उड़द का एमएसपी 7400 रुपए प्रति क्विंटल से 400 रुपए बढ़ाकर 7800 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया है

मगर साथ ही साथ इसके शुल्क मुक्त एवं नियंत्रण मुक्त आयात की अवधि भी एक साल के लिए बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक निर्धारित कर दी है। दूसरी ओर मूंग के आयात पर फरवरी 2022 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार यूं तो खरीफ कालीन दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 89.95 लाख हेक्टेयर से 3.10 लाख हेक्टेयर बढ़कर इस बार 93.05 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है

मगर इसमें मूंग एवं मोठ का ही योगदान है। मूंग का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 26.35 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 30.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। राजस्थान में मोठ का क्षेत्रफल 7.08 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.88 लाख हेक्टेयर हो गया है। 

दूसरी ओर पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान उड़द का बिजाई क्षेत्र 17.80 लाख हेक्टेयर से गिरकर 16.60 लाख हेक्टेयर तथा तुवर का उत्पादन क्षेत्र 38 लाख हेक्टेयर से घटकर 34.90 लाख हेक्टेयर रह गया है।

हालांकि सरकार ने तुवर एवं उड़द की शत प्रतिशत विपणन योग्य मात्रा की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने का वादा किया है लेकिन किसान शायद इससे पूरी तरह आश्वस्त नहीं है।

2024-25 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में सरकारी एजेंसी द्वारा किसानों से करीब 6 लाख टन तुवर की रिकॉर्ड खरीद की गई जो इसके कुल घरेलू उत्पादन का 20 प्रतिशत से भी कम था। 

दलहन फसलों की बिजाई का अभियान अभी समाप्त नहीं हुआ है लेकिन आदर्श समय तेजी से बीतता जा रहा है जबकि सामान्य औसत क्षेत्रफल काफी दूर है। आगामी सप्ताहों के दौरान तुवर एवं उड़द के रकबे में कितना सुधार आता है यह देखना दिलचस्प होगा।