दक्षिणी एवं पश्चिमी क्षेत्र के जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ने की उम्मीद

20-Jun-2025 07:49 PM

नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून के दोबारा सक्रिय होने से देश के दक्षिणी एवं पश्चिमी राज्यों में बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर कुछ बढ़ गया मगर उत्तरी एवं पूर्वी भारत के बांधों में पानी के भंडार में बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी क्योंकि वहां मानसून की वर्षा का अभाव रहा। 

केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की साप्तहिक बुलेटिन के अनुसार पूर्वी जोन के 27 जलाशयों में 5.126 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का स्टॉक बचा हुआ है जो उसकी कुल भंडारण क्षमता 21724 बीसीएम का 23.59 प्रतिशत है।

आसाम, त्रिपुरा एवं मिजोरम के जलाशयों में भंडारण क्षमता के 60 प्रतिशत से अधिक तथा मेघालय में करीब 58 प्रतिशत पानी का भंडार मौजूद है लेकिन पश्चिम बंगाल में 30 प्रतिशत एवं उड़ीसा में महज 16 प्रतिशत पानी का स्टॉक बचा हुआ है। इस बीच झारखंड में मानसून की मूसलाधार वर्षा होने से बांधों में जल स्तर काफी बढ़ गया है। 

पश्चिमी संभाग के 50 जलाशयों में पानी के भंडारण की क्षमता 57.357 बीसीएम है जबकि उसमें पानी का भंडार 12.132 बीसीएम या 32.48 प्रतिशत मौजूद है।

गोवा के बांध में 70 प्रतिशत से ज्यादा पानी है जबकि महाराष्ट्र के जलाशयों में 33 प्रतिशत तथा गुजरात के सरोवरों में 31 प्रतिशत पानी का  स्टॉक मौजूद है। गुजरात में अब मानसून की भारी बारिश होने वाली है। 

देश के मध्यवर्ती क्षेत्र में 28 जलाशयों में 13.833 बीसीएम पानी का स्टॉक उपलब्ध है जो इसकी कुल भंडारण क्षमता 48.588 बीसीएम का 28.57 प्रतिशत है।

वहां मध्य प्रदेश के बांधों में 30 प्रतिशत पानी का स्टॉक है जबकि छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में पानी का स्तर 25 प्रतिशत से नीचे है। मध्य प्रदेश में 16 जून से मानसून सक्रिय हो चुका है और मूसलाधार बारिश हो रही है।