अगले सीजन से चीनी का कुल उत्पादन 350 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान

27-Jun-2025 06:13 PM

मुम्बई। एक अग्रणी रेटिंग एजेंसी ने भारत में 2024-25 सीजन के मुकाबले 2025-26 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में चीनी का उत्पादन 15 प्रतिशत बढ़कर 350 लाख टन के करीब पहुंच जाने का अनुमान लगाया है।

रेटिंग के अनुसार इस वर्ष महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ना के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है और मानसून की वर्षा सामान्य औसत से ज्यादा होने की संभावना को देखते हुए गन्ना की औसत उपज दर में सुधार आने के आसार भी हैं। 

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक 2024-25 के सीजन में गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर घट गई थी मगर 2025-26 के सीजन में यह बढ़ सकती है। उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने पर घरेलू प्रभाग में चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्धता की जटिलता खत्म या कम हो सकती है।

बेहतर उत्पादन की बदौलत एथनॉल निर्माण में भी चीनी की अधिक मात्रा का उपयोग किया जा सकेगा और यदि संभव हुआ तो सरकार चीनी के निर्यात के लिए अनुकूल नीति लागू कर सकती है।

उससे चीनी मिलों को कुछ राहत मिलेगी जो तीन मोर्चे पर अभी संघर्ष कर रही है। सरकार ने एक बार फिर 2025-26 सीजन के लिए गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ा दिया है। दूसरी ओर एथनॉल के खरीद मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। इसके अलावा चीनी का निर्यात प्रदर्शन भी कमजोर देखा जा रहा है। 

वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान चीनी मिलों का संचालनीय मार्जिन सुधरकर 9.00-9.50 प्रतिशत पर पहुंच सकता है जो 2024-25 के वित्त वर्ष में घटकर 8.70-9.00 प्रतिशत के बीच रह गया था। एथनॉल के उत्पादन में गन्ना (चीनी) के अधिक भाग का इस्तेमाल होने की उम्मीद है।

संचालनीय मार्जिन में इजाफा होने से चीनी मिलों को बैंकों / वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी जबकि पिछले वित्त वर्ष में कुछ समस्या उत्पन्न हो गई थी।

पिछले दो सीजन के दौरान गन्ना के एफआरपी में 11 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया जबकि एथनॉल का खरीद मूल्य स्थिर रहा। 2025-26 के सीजन में यदि 40 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना का उपयोग एथनॉल निर्माण में होता है तब भी खाद्य उद्देश्य के लिए करीब 310 लाख टन चीनी का स्टॉक उपलब्ध रह सकता है।