अमरीकी टैरिफ को देखते हुए निर्यातकों द्वारा सरकार से राहत की मांग
27-Aug-2025 08:45 PM

नई दिल्ली। अमरीका में आज यानी 27 अगस्त से उम्मीद के अनुरूप अनेक भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम आयात शुल्क प्रभावी हो गया है जिससे भारत के निर्यातकों को वहां अपना उत्पाद भेजने में काफी कठिनाई होगी क्योंकि अन्य प्रतिद्वंदी देशों की तुलना में भारत का उत्पाद वहां महंगा हो जाएगा।
निर्यातक इस विसंगति को दूर करने के लिए सरकार से तत्काल राहत उपायों की घोषणा करने का आग्रह कर रहे हैं। 26 अगस्त को अमरीका में भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की अधिसूचना जारी की गई जबकि इससे पूर्व 7 अगस्त को 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया था। इस तरह कुल टैरिफ अब 50 प्रतिशत हो गया है।
इस ऊंचे सीमा शुल्क से अमरीका में अनेक भारतीय उत्पादों का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है जिससे भारत में उसका उत्पादन घरेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी।
अमरीका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत से हुई कुल निर्यात 20 प्रतिशत भाग सिर्फ अमरीका को भेजा गया था।
कथित रूप से अमरीका ने रूस से पेट्रोलियम एवं रक्षा उपकरण खरीदने के कारण भारत में सबसे ऊंचा टैरिफ लगाया है लेकिन वास्तविकता यह है कि अमरीका भारत पर इस बात के लिए दबाव डालना चाहता है कि भारत उसके जीएम खाद्य उत्पादों- मुख्यतः मक्का एवं सोयाबीन के लिए अपना बाजार खोल दे। भारत इससे पहले ही इंकार कर चुका है।
निर्यातकों की कठिनाई एवं स्वदेशी उद्योग की चिंता से सरकार अच्छी तरह अवगत है और अमरिकी टैरिफ को प्रभावहीन बनाने के लिए विभिन्न वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है।
दरअसल अमरीकी टैरिफ की वजह से भारत में एक साथ अनेक समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा है और कई फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद होने तक की नौबत आ सकती है।