खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से 13 लाख हेक्टेयर आगे

24-Jun-2025 01:19 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस वर्ष 20 जून तक खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 137.84 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 124.88 लाख हेक्टेयर से करीब 13 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान धान, दलहन, मोटे अनाज, गन्ना और कपास के क्षेत्रफल में अच्छी  बढ़ोत्तरी हुई मगर तिलहन फसलों का रकबा कुछ पीछे रह गया। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 की तुलना में 2025 के खरीफ सीजन में धान का उत्पादन क्षेत्र 8.37 लाख हेक्टेयर से उछलकर 13.22 लाख हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 6.63 लाख  हेक्टेयर से बढ़कर 9.44 लाख हेक्टेयर तथा मोटे अनाजों का रकबा 14.77 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 18.03 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 5.49 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 5.38 लाख हेक्टेयर रह गया। 

नकदी या औधोगिक फसलों के अंतर्गत गन्ना का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 54.88 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 55.07 लाख हेक्टेयर तथा कपास का बिजाई क्षेत्र 29.12 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.25 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। 

दलहन फसलों के संवर्ग में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 2.61 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.48 लाख हेक्टेयर पर अटक गया लेकिन उड़द का बिजाई क्षेत्र 62 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.39 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का क्षेत्रफल 2.67 लाख हेक्टेयर से उछलकर 4.43 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। मोठ एवं कुलथी सहित अन्य दलहनों का रकबा भी 74 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.02 लाख हेक्टेयर हो गया। 

मोटे अनाजों में उम्मीद के अनुरूप मक्का की बिजाई में अच्छी प्रगति हो रही है। इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से 10.31 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 12.32 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

इसी तरह ज्वार का क्षेत्रफल 90 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 1.51 लाख हेक्टेयर एवं बाजरा का बिजाई क्षेत्र 2.71 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। 

लेकिन तिलहन फसलों में मूंगफली एवं सोयाबीन की बिजाई गत वर्ष से कुछ पीछे चल रही है। मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 1.91 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.78 लाख हेक्टेयर तथा सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 3.12 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.07 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। सूरजमुखी एवं तिल के रकबे में मामूली वृद्धि हुई है।