मांग तथा आपूर्ति की स्थिति पर निर्भर रहेगा बड़ी इलायची का भाव
20-Jun-2025 05:28 PM

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्तर पर और खासकर उत्पादक क्षेत्रों में बड़ी या काली इलायची का स्टॉक घट गया है और नीलामी केन्द्रों में भाव ऊंचा होने लगा है। नेपाल से आयात का 'पड़ता' ठीक से नहीं बैठ रहा है और भूटान का माल पहले ही आ चुका है।
बड़ी इलायची की आपूर्ति का सीजन अंतिम चरण में पहुंच गया है। अगस्त-सितम्बर से इसके नए माल की आपूर्ति आरंभ होने की संभावना है। मानसून सीजन के शुरूआती दिनों में देश के पूर्वोत्तर राज्यों में मूसलाधार बारिश हुई थी और कहीं-कहीं भयंकर बाढ़ भी आ गई थी।
मालूम हो कि बड़ी इलायची का उत्पादन मुख्यतः सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, आसाम एवं पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्र में होता है। इससे कुछ क्षेत्रों में फसल को फायदा एवं कुछ अन्य क्षेत्रों में नुकसान होने की संभावना है।
प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों में बड़ी इलायची की मांग कमजोर बनी हुई है जिससे कीमतों पर थोड़ा दबाव पड़ रहा है। निर्यात प्रदर्शन भी उत्साहवर्धक नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के थोक किराना बाजार में कैची कट बड़ी इलायची का भाव 1490/1500 रुपए प्रति किलो बताया जा रहा है और इस मूल्य स्तर पर कारोबार सुस्त देखा जा रहा है।
उधर सिक्किम के नीलामी केन्द्र में पिछले सप्ताह हुई बिक्री के दौरान बड़ी इलायची का भाव नीचे में 1250 रुपए से लेकर ऊपर 1850 रुपए प्रति किलो के बीच दर्ज किया गया।
नेपाल में स्टॉक बहुत कम बचा है और दाम भी ऊंचा चल रहा है। ध्यान देने की बात है कि नोपल से भारत में बड़ी इलायची का आयात घरेलू खपत के लिए कम और निर्यात उद्देश्य के लिए ज्यादा होता है।
मसाला बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 के दौरान भारत से बड़ी इलायची का निर्यात 1281 टन से बढ़कर 1368 टन पर पहुंच गया।
इसके फलस्वरूप इसकी निर्यात आमदनी भी 148.15 करोड़ रुपए से उछलकर 229.44 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इस बार पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख उत्पादक इलाकों में बड़ी इलायची की फसल अभी तक संतोषजनक स्थिति में है और यदि जुलाई में मौसम अनुकूल रहा तो इसका कुल उत्पादन गत वर्ष से बेहतर हो सकता है। इससे भारत में इसके निर्यात योग्य स्टॉक में बढ़ोत्तरी हो सकती है।