मूल्य संवर्धित गेहूं उत्पादों का निर्यात खोलने से ही उद्योग को मिलेगी राहत

27-Sep-2025 03:34 PM

नई दिल्ली। गेहूं तथा इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों- आटा, मैदा एवं सूजी आदि के व्यापारिक निर्यात पर वर्ष 2022 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है।

जबकि इस बीच गेहूं के घरेलू उत्पादन में नियमित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है और सरकारी खरीद भी बढ़ी है। गेहूं तथा इसके उत्पादों का भाव नीचे आया है जबकि सरकारी गेहूं की बिक्री अभी शुरू भी नहीं हुई है। 

उद्योग-व्यापार क्षेत्र के समीक्षकों का कहना है कि शीघ्र ही रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं की बिजाई शुरू होने वाली है और सरकार द्वारा इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा भी की जाती है।

2024-25 के रबी सीजन हेतु गेहूं का एमएसपी 2425 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया था और अधिकांश मंडियों में भाव इसके आसपास या उससे कुछ ऊपर चल रहा है।

मंडियों में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सामान्य है और केन्द्रीय पूल में भी इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है।

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने गेहूं के मुद्दे पर सरकार को कुछ अच्छे सुझाव दिए हैं जिस पर गम्भीरतापूर्वक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

उनका कहना है कि भले ही सरकार फिलहाल गेहूं का निर्यात खोलने का निर्णय न ले मगर इसके उत्पादों का शिपमेंट करने की अनुमति देने पर अवश्य विचार करे।

हालांकि निर्यात खोलने पर भी उत्पादों के घरेलू बाजार मूल्य में ज्यादा इजाफा होना मुश्किल है लेकिन यदि सरकार को मूल्य वृद्धि की आशंका है तो शुरूआती चरण में मात्रात्मक नियंत्रण के साथ इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो आगे इस नियंत्रण को हटाया जा सकता है।

गेहूं का वैश्विक बाजार भाव नरम पड़ गया है और इसलिए भारत से इसका निर्यात होना मुश्किल है मगर इसके उत्पादों का बेहतर शिपमेंट हो सकता है। भारतीय गेहूं उत्पादों के कई परम्परागत खरीदार हैं जो इसका आयात करने से नहीं हिचकेंगे।

यदि इसके निर्यात की स्वीकृति दी गई तो उद्योग को अपना अधिशेष स्टॉक घटाकर उसे सामान्य स्तर पर लाने में सहायता मिलेगी और देश को भी बहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी।

आरंभिक संकेतों से पता चलता है कि आगामी रबी सीजन में गेहूं का बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन बढ़ सकता है। सरकार ने भीउत्पादन का लक्ष्य बढ़ा दिया है जबकि उसके पास पहले से ही गेहूं का अधिशेष स्टॉक मौजूद है।