मध्य प्रदेश में सोयाबीन के लिए भावान्तर भुगतान स्कीम की घोषणा

27-Sep-2025 12:36 PM

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 2025-26 के खरीफ मार्केटिंग सीजन हेतु राज्य सरकार सोयाबीन के लिए भावान्तर भुगतान योजना लागू करेगी जिसके तहत किसानों को बाजार में प्रचलित भाव तथा केन्द्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बीच अंतर की राशि का भुगतान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के अनुसार सरकार सोयाबीन फसल के लिए किसानों को उचित मूल्य की वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

मुख्यमंत्री द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि किसान संगठनों से प्राप्त सुझाव के आधार पर राज्य सरकार ने इस वर्ष सोयाबीन उत्पादकों को भावान्तर योजना का लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया है।

किसान पहले की भांति थोक मंडियों में अपने सोयाबीन की बिक्री करते रहेंगे और यदि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर अपना उत्पाद बेचते है तो उन्हें समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।

उदाहरणस्वरूप 2025-26 के मार्केटिंग सीजन हेतु केन्द्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5328 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है यदि मंडी भाव 4328 रुपए प्रति क्विंटल रहता है तो किसानों को शेष 1000 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 1 से 25 सितम्बर के दौरान सोयाबीन का औसत थोक मंडी भाव 4121 रुपए प्रति क्विंटल रहा जो अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित औसत मूल्य 4141 रुपए प्रति क्विंटल से भी कम है।

पिछले दिन यानी 26 सितम्बर को थोक मंडियों में सोयाबीन का औसत मूल्य और भी घटकर 3837 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के नए माल की आवक 26 सितम्बर को 9080 टन दर्ज की गई। 

एक कृषि विश्लेषक के अनुसार वर्ष 2017 में भी मध्य प्रदेश में सोयाबीन फसल के लिए भावान्तर भुगतान योजना लागू की गई थी जिसका कड़वा अनुभव अभी तक किसान भूले नहीं हैं।

अब दोबारा उसे लागू किया जा रहा है। इसके बजाए यदि सीधे  न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद की जाए तो किसानों को ज्यादा राहत मिलेगी।