मानसून की अच्छी वर्षा से खरीफ फसलों की बिजाई में प्रगति

26-Jun-2025 01:44 PM

नई दिल्ली। मध्य जून तक मानसून की वर्षा सामान्य औसत से 31 प्रतिशत पीछे चल रही थी मगर 24 जून तक आते-आते यह 4 प्रतिशत आगे निकल गई। इस अवधि के दौरान देश के विभिन्न भागों में भारी बारिश होने से खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार बढ़ गई।

7 से 13 जून वाले सप्ताह में खरीफ फसलों के बिजाई क्षेत्र में 15 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई थी जबकि 14 से 20 जून वाले सप्ताह में 50 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में फसलों की बिजाई हो गई। चालू सप्ताह के दौरान क्षेत्रफल में और भी तेजी से बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है क्योंकि किसानों को अच्छी बारिश का सहारा मिल रहा है। 

उद्योग व्यापार समीक्षकों के अनुसार सामान्य औसत से ज्यादा वर्षा होने से देश में खरीफ फसलों के बिजाई क्षेत्र में अच्छी वृद्धि हो रही है जो बेहतर उत्पादन में मददगार साबित होगी।

वैसे कई क्षेत्रों में अब भी वर्षा का भारी अभाव बना हुआ है और कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ जैसी हालत उत्पन्न हो गई है जिससे वहां फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है। 

सीईआईसी तथा मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि सामान्य औसत के मुकाबले राजस्थान में 135 प्रतिशत तथा गुजरात में 134 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।

ये दोनों राज्य खरीफ फसलों के महत्वपूर्ण उत्पादक प्रान्त माने जाते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य प्रमुख कृषि उत्पादक राज्यों में भी सामान्य औसत से ज्यादा बारिश हुई है।

इसके तहत मध्य प्रदेश में 28 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 19 प्रतिशत, तमिलनाडु में 15 प्रतिशत, हरियाणा में 11 प्रतिशत, कर्नाटक में 10 प्रतिशत तथा पश्चिम बंगाल में 7 प्रतिशत अधिक बारिश होने की सूचना मिल रही है।

यहां यह ध्यान रखना आवश्यक है कि वर्षा का यह आंकड़ा सम्पूर्ण प्रांतीय स्तर का है जिसके अंतर्गत कई क्षेत्रों में अत्यधिक तो अन्य इलाकों में नगण्य बारिश हुई है।

कहने का अर्थ है कि वर्षा का वितरण सभी क्षेत्रों में समान नहीं है। पंजाब में सामान्य औसत के अनुरूप ही वर्षा हुई है और इसलिए वहां खरीफ फसलों की अच्छी खेती हो रही है। 

लेकिन दूसरी ओर कई ऐसे राज्य भी हैं जहां सामान्य औसत से कम या बहुत वर्षा हुई है। इसके तहत वर्षा की कमी तेलंगाना में 43 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 36 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 34 प्रतिशत तथा बिहार में 20 प्रतिशत दर्ज की गई।

यदि वर्षा की कमी बरकरार रही तो इन राज्यों में खरीफ फसलों की बिजाई और प्रगति प्रभावित हो सकती है। वैसे जुलाई तथा अगस्त का महीना आने वाला है जिसमें सबसे ज्यादा वर्षा होती है। उम्मीद की जा रही है कि अभावग्रस्त क्षेत्रों में आगामी समय के दौरान अच्छी बारिश होगी। 

1 से 24 जून के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य औसत की तुलना में 104 प्रतिशत वर्षा हुई जबकि मौसम विभाग ने सम्पूर्ण माह में 108 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान लगाया था। खरीफ फसलों के रकबे में 10.4 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है और इसकी बिजाई की रफ्तार तेज हो गई है।