पाम तेल की बदौलत जून में खाद्य तेलों का आयात 30 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान

02-Jul-2025 04:35 PM

मुम्बई। हालांकि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) की मासिक रिपोर्ट मध्य जुलाई में सामने आने की संभावना है जिसमें जून माह के दौरान भारत में हुए खाद्य तेलों के आयात का विस्तृत विवरण मौजूद होगा लेकिन उससे पूर्व उद्योग-व्यापार क्षेत्र के कुछ दिग्गज विशेषज्ञों- विश्लेषकों ने जो अनुमान लगाया है

उससे पता चलता है कि मई की तुलना में जून 2025 के दौरान खाद्य तेलों का कुल आयात 30 प्रतिशत उछलकर 15.30 लाख टन पर पहुंच गया जो नवम्बर 2024 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान खासकर पाम तेल के आयात में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई। 

उद्योग-व्यापार समीक्षकों के अनुसार मई के मुकाबले जून के दौरान देश में पाम तेल उत्पादों का आयात 61 प्रतिशत उछलकर 9.53 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है जो पिछले 11 महीनों का सबसे बड़ा आयात है।

उल्लेखनीय है कि चालू वर्ष के शुरूआती चार महीनों यानी जनवरी से अप्रैल के दौरान पाम तेलों उत्पादों का बहुत कम आयात हुआ था और मई से इसमें बढ़ोत्तरी होने लगी।

इसका कारण यह है कि एक तो भारत में पाम तेल का स्टॉक घटकर काफी नीचे आ गया और दूसरे, सोयाबीन तेल तथा सूरजमुखी तेल के मुकाबले पाम तेल करीब 100 डॉलर प्रति टन सस्ता हो गया। भारत में क्रूड पाम तेल पर कुल प्रभावी आयात शुल्क भी 27.5 प्रतिशत से घटकर 16.5 प्रतिशत रह गया है।

विश्लेषकों के मुताबिक मई की तुलना में जून माह के दौरान सूरजमुखी तेल का आयात भी 18 प्रतिशत बढ़कर 2.16 लाख टन पर पहुंचा मगर सोयाबीन तेल का आयात 9 प्रतिशत घटकर 3.63 लाख टन पर अटक गया। निर्यातक देशों में सोयाबीन तेल का भाव ऊंचा रहने से भारत में आयात कुछ घट गया।

इस तरह जून में 9.53 लाख टन पाम तेल, 3.63 लाख टन सोयाबीन तेल एवं 2.16 लाख टन सूरजमुखी तेल के साथ खाद्य तेलों का कुल आयात बढ़कर 15.30 लाख टन के करीब पहुंच जाने का अनुमान  लगाया गया है जो मई के आयात से 30 प्रतिशत अधिक है। 

हालांकि इंडोनेशिया एवं मलेशिया जैसे शीर्ष उत्पादक तथा निर्यातक देशों में पाम तेल के उत्पादन का अभी पीक सीजन जारी है लेकिन बेहतर निर्यात प्रदर्शन के कारण इसका भाव मजबूत रहने की उम्मीद है।

समझा जाता है कि कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी के कारण भारत के कुछ खरीदारों ने पाम तेल के दो-चार आयात सौदे को कैंसिल कर दिया है जिसका शिपमेंट जुलाई से सितम्बर के बीच होना था। 

समीक्षकों के मुताबिक रिफाइंड खाद्य तेलों पर 35.75 प्रतिशत का ऊंचा सीमा शुल्क लागू होने के कारण नेपाल से इसका आयात काफी घट गया। नेपाल से भारत में मई माह के दौरान 1.55 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ था जो जून में घटकर 75 हजार टन के करीब रह जाने का अनुमान है।