साप्ताहिक समीक्षा- गेहूं

28-Jun-2025 08:37 PM

मांग एवं आपूर्ति के अनुरूप गेहूं के दाम में सीमित उतार-चढ़ाव 

नई दिल्ली। गेहूं की आपूर्ति का पीक सीजन और साथ ही साथ सरकारी खरीद का समय भी शीघ्र ही समाप्त होने वाला है। मंडियों में आवक हो रही है। 
खरीद 
व्यापारियों एवं फ्लोर मिलर्स द्वारा इस बार किसानों से अच्छी मात्रा में गेहूं खरीदा गया है और सरकारी खरीद भी 300 लाख टन के आंकड़े को पार कर चुकी है जो पिछले चार वर्षों में सबसे ज्यादा है। सामान्य कारोबार के बीच 21-27 जून वाले सप्ताह के दौरान गेहूं की कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। 
गुजरात / राजस्थान 
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान गुजरात के राजकोट एवं मध्य प्रदेश के देवास में गेहूं के दाम में 100-100 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ जबकि शेष अधिकांश मंडियों में कीमतों में 10 से 25 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली तेजी-मंदी दर्ज की गई। गेहूं का भाव राजस्थान के कोटा में 80 रुपए तथा महाराष्ट्र के जालना में 50 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आया। 
दिल्ली 
दिल्ली में गेहूं का दाम 5 रुपए की गिरावट के साथ 2730/2735 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। उत्तर प्रदेश की मंडियों में सीमित खरीद बिक्री के कारण गेहूं की कीमतों में 10-20 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी-मंदी रही। 
आवक 
दिल्ली में रोजाना 8-10 हजार बोरी गेहूं की आवक हुई जबकि इसकी मात्रा राजकोट में 2-3 हजार बोरी, इंदौर में 1000-2000 बोरी, कोटा में 2000-5000 बोरी, हरदोई में 5-10 हजार बोरी, शाहजहांपुर में 2-3 हजार बोरी तथा गोरखपुर में 10-15 हजार बोरी दर्ज की गई। 
स्टॉक 
गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू है इसलिए खरीदारों की सक्रियता कम देखी जा रही है। सरकार के पास भी अच्छा स्टॉक मौजूद है और बाजार पर उसकी नजर भी केन्द्रित है। गेहूं एवं इसके उत्पादों के व्यापारिक निर्यात या लम्बे समय से प्रतिबंध लगा हुआ है। 
उत्पादन अनुमान 
कृषि मंत्रालय ने चालू वर्ष के दौरान 1170 लाख टन गेहूं के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है जो सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर है। इससे बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ा है। अधिकांश मंडियों में गेहूं का भाव फिलहाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आसपास या इससे कुछ ऊपर चल रहा है और निकट भविष्य में इसमें भारी इजाफा होना मुश्किल लगता है।