साप्ताहिक समीक्षा-गेहूं
23-Aug-2025 08:19 PM

फ्लोर मिलर्स की कमजोर मांग से गेहूं की कीमतों में स्थिरता
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में गेहूं की आवक की गति धीमी पड़ गई है लेकिन फिर भी 16-22 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान फ्लोर मिलर्स की मांग कमजोर रहने से इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की कीमतों में स्थिरता या नरमी का माहौल बना रहा।
दिल्ली
दिल्ली में 18 अगस्त को 10 हजार बोरी गेहूं की आवक हुई थी जो 22 अगस्त से घटकर 4 हजार बोरी रह गई। वहां इसका दाम 2840/2850 रुपए प्रति क्विंटल के निचले स्तर पर स्थिर रहा। गुजरात के राजकोट में भी बाजार शांत रहा और मध्य प्रदेश के इंदौर में 2500/3200 रुपए प्रति क्विंटल पर गेहूं के दाम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में केवल देवास मंडी में गेहूं का भाव 250 रुपए उछलकर 2650/3150 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जबकि इटारसी में कीमत 20 रुपए कमजोर रही।
राजस्थान
राजस्थान में कोटा मंडी में गेहूं का भाव 25 रुपए गिरकर 2575/2675 रुपए प्रति क्विंटल पर आया जबकि बारां और बूंदी में बाजार शांत रहा। इन मंडियों में गेहूं की आवक काफी घट गई है। जहां तक उत्तेर प्रदेश का सवाल है तो उसकी अधिकांश मंडियों में सुस्त कारोबार के कारण कीमतों में स्थिरता या नरमी देखी गई जबकि एक-दो मंडियों में 5 रुपए का सुधार दर्ज किया गया।
भाव
विभिन्न राज्यों की मंडियों में गेहूं का भाव काफी हद तक स्थिर बना हुआ है मगर सरकारी समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर चल रहा है। सरकार मंडियों की मौजूदा स्थिति से संतुष्ट है और इसलिए खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री को टाल रही है। मिलर्स प्रोसेसर्स का ध्यान सरकारी गेहूं पर केन्द्रित है। ओएमएसएस में चावल की नीलामी बिक्री तो 6 अगस्त से ही आरंभ कर दी गई मगर गेहूं पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
स्टॉक
केन्द्र सरकार के पास करीब 50-60 लाख टन गेहूं का ऐसा अधिशेष स्टॉक मौजूद है जिसे ओएमएसएस के तहत बेचा जा सकता है। इसके लिए आरक्षित मूल्य का निर्धारण हो चुका है मगर बिक्री कब से शुरू होगी- इसका कोई ठोस संकेत नहीं दिया जा रहा है। मंडियों में भाव ज्यादा तेज होने पर ही सरकार इसका निर्णय लेना चाहती है इसलिए इसकी बिक्री शुरू करने में देर हो रही है।