साप्ताहिक समीक्षा- सरसों

09-Aug-2025 04:28 PM

ऊंचे दाम पर मांग कमजोर रहने से सरसों में नरमी 

नई दिल्ली। पिछले कुछ सप्ताहों से सरसों के दाम में बेतहाशा बढ़ोत्तरी का माहौल बना हुआ था और तेल तथा ऑयल मील की कीमतों में भारी उछाल आने से मिलर्स को ऊंचे मूल्य पर इस तिलहन की खरीद में कोई खास कठिनाई नहीं हो रही थी। लेकिन 2-8 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान मांग कुछ कमजोर पड़ गई जिससे सरसों के भाव में 100-200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
42% कंडीशन सरसों   
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली तथा जयपुर में 100-100 रुपए की गिरावट क्रमश: 7100 रुपए प्रति क्विंटल एवं 7400/7425 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। 
उत्तर प्रदेश 
इसी तरह सामान्य औसत क्वालिटी वाली सरसों में 100-200 रुपए प्रति क्विंटल तथा उत्तर प्रदेश की हापुड़ एवं आगरा मंडी में 75-100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। 
राजस्थान 
सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान की मंडियां भी 50 से 100 रुपए तक की नरमी की चपेट में रही मगर कोटा मंडी में भाव 100 रुपए बढ़कर 6200/6700 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा जबकि अलवर में 7100 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा। लगभग सभी 
सरसों 
प्रमुख मंडियों में सरसों का दाम 5950 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर चल रहा है। सरकारी एजेंसियों के पास भी सरसों का स्टॉक काफी घट गया है जबकि इसकी अच्छी बिक्री हो चुकी है। 
सरसों तेल 
सरसों के दाम में नरमी आने से एक्सपेलर एवं कच्ची घानी सरसों तेल की कीमतों में रुपए प्रति 10 किलो तक की गिरावट रही। दिल्ली में एक्सपेलर का भाव 30 रुपए घटकर 1580 रुपए प्रति 10 किलो तथा जयपुर में 40 रुपए घटकर 1560 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। इसी तरह कच्ची घानी सरसों तेल का दाम गंगानगर में 20 रुपए गिरकर 1625 रुपए तथा अलवर में 40 रुपए घटकर 1600 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया। अन्य केन्द्रों में भी सरसों तेल का भाव नरम देखा गया। 
आवक 
2 अगस्त को देशभर की प्रमुख मंडियों में 3 लाख बोरी (50 किलो की प्रत्येक बोरी) सरसों की आवक हुई और उसके बाद आवक कमजोर पड़ने लगी। लेकिन सप्ताहांत में आपूर्ति सुधर गई। 
सरसों खल (डीओसी) 
ऊंचे दाम पर सरसों खल एवं डीओसी का कारोबार सुस्त पड़ गया जिससे इसकी कीमतों में स्थिरता  का माहौल देखा गया। राजस्थान की कुछ इकाइयों ने सरसों खल के दाम में 10 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा कर दिया मगर अन्य मिलों में कोई वृद्धि नहीं हुई।