सस्ते दलहनों के आयात पर तत्काल रोक लगाने की मांग
27-May-2025 07:38 PM

नई दिल्ली। विदेशों से सस्ते दलहनों का विशाल आयात जारी रहने से घरेलू प्रभाग में इसका भाव काफी घट गया है जिससे किसानों को लाभप्रद वापसी हासिल करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है।
इसे देखते हुए दिल्ली ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन (डीजीएमए) ने सरकार से सस्ते दलहनों के आयात पर रोक लगाने अथवा इसके लिए न्यूनतम आयात मूल्य (मिप) निर्धारित करने और मात्रात्मक नियत्रण लागू करने का आग्रह किया है।
केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री को भेजे एक पत्र में एसोसिएशन के महामंत्री ने कहा है कि विदेशों से शुल्क मुक्त या न्यूनतम शुल्क पर विशाल मात्रा में दलहनों का आयात होने से विचित्र स्थिति पैदा हो गई है।
कुछ दलहनों का घरेलू बाजार भाव घटकर केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे आ गया है। वर्तमान समय में लगभग सभी प्रमुख दलहनों- तुवर, उड़द, मसूर एवं चना का आयात सरकारी समर्थन मूल्य से नीचे भाव पर हो रहा है।
अफ्रीकी मूल की तुवर का आयात खर्च 5500 रुपए प्रति क्विंटल तथा म्यांमार की तुवर का आयात खर्च 6500 रुपए प्रति क्विंटल बैठ रहा है जबकि इसका एमएसपी 7550 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है।
इसी तरह उड़द का समर्थन मूल्य 7400 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि म्यांमार से इसके आयात का खर्च 6700 रुपए प्रति क्विंटल बैठ रहा है। इस आयातित उड़द की क्वालिटी अक्सर स्वदेशी माल से बेहतर होती है।
जहां तक मसूर का सवाल है तो इसका एमएसपी 6700 रुपए प्रति क्विंटल नियत है जबकि कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया से आयातित मसूर का खर्च 5900 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बैठ रहा है।
इसी तरह ऑस्ट्रेलिया एवं तंजानिया से आयातित चना का खर्च भी एमएसपी से काफी नीचे रहता है जिससे घरेलू बाजार का समीकरण लगातार बिगड़ता जा रहा है और स्वदेशी दलहनों का व्यापार करने वाले कारोबारियों को भारी कठिनाई हो रही है।
इस गैर प्रतिस्पर्धी कारोबार से न केवल व्यापारियों बल्कि भारतीय दलहन उत्पादकों की भी मुसीबत बढ़ गई है इसलिए इस पर तत्काल अंकुश लगाने की सख्त आवश्यकता है। पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात का इसमें विशेष योगदान है।