वैश्विक मांग सुधरने से भारतीय चावल का निर्यात मूल्य कुछ ऊंचा

19-Jun-2025 08:40 PM

हैदराबाद। भारतीय चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में कुछ सुधार आया है क्योंकि प्रमुख आयातक देशों में इसकी मांग दोबारा निकलने लगी है। दूसरी ओर थाईलैंड और वियतनाम में चावल का भाव नरम बना हुआ है क्योंकि बेहतर आपूर्ति के बीच बिकवाली की गति धीमी देखी जा रही है।

प्राप्त सूचना के अनुसार 5 प्रतिशत टूटे भारतीय सेला चावल का निर्यात ऑफर मूल्य पिछले सप्ताह 378-384 डॉलर प्रति टन चल रहा था जो वर्तमान सप्ताह के दौरान सुधरकर 380-386 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया। इसी तरह 5 प्रतिशत टूटे चावल (सफेद) का निर्यात ऑफर मूल्य भी कुछ बढ़कर 373-377 डॉलर प्रति टन हो गया है। भारत से इस श्रेणी के चावल का निर्यात बड़े पैमाने पर होता है। 

निर्यातकों के अनुसार भारतीय चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में मुख्यतः दो करणों से सुधार आया है। एक तो अफ्रीकी एवं एशियाई देशों में इसकी थोड़ी बहुत मांग निकल रही है और दूसरे, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया की विनिमय दर में परिवर्तन आ गया है।

रुपया के कमजोर पड़ने से भारतीय निर्यातकों को कुछ बढ़त मिल रही है और इससे आयातक देश भारतीय चावल की खरीद के प्रति आकर्षित भी हो रहे हैं। रुपए की विनिमय दर में आई नरमी से भारत को कुछ प्रतिस्पर्धी लाभ मिल रहा है। 

भारत में चावल की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति काफी सुगम बनी हुई है और यहां निर्यात योग्य चावल का पर्याप्त स्टॉक भी मौजूद है। सरकारी गोदामों में भी चावल का भरपूर स्टॉक है।

1 जून को केन्द्रीय पूल में 595 लाख टन चावल का स्टॉक उपलब्ध था जिसमें कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को आवंटित धान से प्राप्त होने वाला चावल भी शामिल था।

1 जुलाई के लिए बफर स्टॉक में चावल की कम से कम जितनी मात्रा मौजूद होनी चाहिए उसके मुकाबले वास्तविक स्टॉक करीब चार गुना अधिक है। सरकार सभी किस्मों एवं श्रेणियों के चावल के व्यापारिक निर्यात को पहले ही सभी नियंत्रणों एवं शुल्कों से पूरी तरह मुक्त कर चुकी है। 

उधर चावल का निर्यात ऑफर मूल्य वियतनाम में 388 डॉलर प्रति टन से फिसलकर 387 डॉलर प्रति टन तथा थाईलैंड में 398 डॉलर प्रति टन से गिरकर 397 डॉलर प्रति टन रह गया। वियतनाम अब चीन से चावल का निर्यात बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।