अप्रैल-मई में भारत से खाद्य उत्पादों का निर्यात प्रदर्शन संतोषजनक

08-Jul-2025 12:53 PM

अप्रैल-मई में भारत से खाद्य उत्पादों का निर्यात प्रदर्शन संतोषजनक
नई दिल्ली। तमाम चुनौतियों, प्रतिस्पर्धा एवं बाधाओं के बावजूद भारत से कृषि एवं खाद्य उत्पादों का निर्यात संतोषजनक ढंग से हो रहा है और वैश्विक बाजार में इसकी अच्छी मांग बनी हुई है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय - कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के शुरूआती दो महीनों में यानी अप्रैल-मई 2025 के दौरान भारत से 12,26,070 टन बासमती चावल एवं 23,15,716  टन गैर बासमती (सामान्य) चावल का निर्यात किया गया। पहला यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि वर्तमान वर्ष की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान अफ्रीकी देशों द्वारा भारत से विशाल मात्रा में चावल आयात किये जाने के कारण अप्रैल-मई में वहां आयात कम हो सकता है। क्योंकि इसका अच्छा ख़ासा स्टॉक वहां मौजूद है लेकिन एपीडा के आकड़ों से पता चलता है कि कुल मिलाकर भारतीय चावल का निर्यात प्रदर्शन बेहतर रहा। बासमती चावल का औसत मासिक शिपमेंट 6 लाख टन से अधिक रहना भी सुखद समाचार है। आगे भी निर्यात प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है।
इसके अलावा भारत से अप्रैल-मई 2025 में 1,69,727 टन दाल-दलहन, 98,681 टन अनाज से निर्यात उत्पाद तथा 94,861 टन अन्य साबुत अनाज का निर्यात किया गया। ज्ञात हो कि भारत से गेहूं एवं इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों के व्यापारिक निर्यात पर लम्बे समय से प्रतिबन्ध लागू है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश से 1,26,661 टन मूंगफली तथा 1,06,507 टन ग्वार गम का निर्यात किया गया। दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय मूंगफली की अच्छी मांग बनी हुई है जबकि अमरीका एवं यूरोप सहित अन्य देशों में ग्वार गम का निर्यात बेहतर ढंग से हो रहा है।
अप्रैल-मई में प्रसंस्कृत काजू कर्नेल का निर्यात 5115 टन तथा काजू शेल लिक्विड का निर्यात 3500 टन के करीब दर्ज किया गया। काजू एवं इसके उत्पादों के निर्यात में भारत को वैश्विक बाजार में वियतनाम, इंडोनेशिया एवं ब्राजील सहित कई अन्य देशों की कठिन चुनौती एवं प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है जिसे देखते हुए अप्रैल-मई का शिपमेंट काफी हद तक संतोषजनक प्रतीत होता है। इस अवधि में भारत से 39,834 टन मिल्ड उत्पादों का भी निर्यात हुआ। भारतीय उत्पादों का मूल्य काफी हद तक प्रतिस्पर्धी स्तर पर रहता है। मालूम हो कि भारत दुनिया में चावल तथा ग्वार गम का सबसे प्रमुख निर्यातक देश बना हुआ है।