मोटे अनाजों एवं औद्योगिक फसलों की बिजाई में बढ़ोत्तरी

08-Jul-2025 06:05 PM

नई दिल्ली। हालांकि उम्मीद के विपरीत इस बार मक्का की बिजाई गत वर्ष से कुछ पीछे चल रही है और    रागी के रकबे में भी कमी आई है लेकिन ज्वार तथा बाजरा की अच्छी बिजाई होने से खरीफ कालीन मोटे अनाजों के कुल क्षेत्रफल में अच्छा इजाफा हो गया है। 

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि वर्तमान खरीफ सीजन में 4 जुलाई 2025 तक मोटे अनाजों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 77.18 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 63.79 लाख हेक्टेयर से 21 प्रतिशत ज्यादा है।

इसके तहत मक्का का रकबा तो 40.21 लाख हेक्टेयर से 2.1 प्रतिशत फिसलकर 39.35 लाख हेक्टेयर पर अटक गया मगर ज्वार का क्षेत्रफल 4.64 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 5.54 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का बिजाई क्षेत्र 16.78 लाख हेक्टेयर से उछलकर 30.82 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। राजस्थान में बाजरा की जोरदार बिजाई हुई है जबकि अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में भी क्षेत्रफल बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। 

नकदी या औद्योगिक फसलों में कपास का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 78.58 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 79.54 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन जूट / मेस्ता का बिजाई क्षेत्र  5.62 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 5.47 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

जहां तक गन्ना का सवाल है तो इसका कोई नया आंकड़ा जारी नहीं हुआ है जबकि पुराने आंकड़े के तहत इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 54.88 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 55.16 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने की सूचना दी गई थी। ज्ञात हो कि पिछले साल गन्ना की बिजाई का अंतिम आंकड़ा घटाकर 53.58 लाख हेक्टेयर नियत किया गया था। 

मौसम विभाग के अनुसार चालू माह के प्रथम सप्ताह यानी 1-7 जुलाई के दौरान देश में 74 मि०मी० बारिश हुई जो सामान्य औसत 56.3 मि०मी० से 31 प्रतिशत अधिक रही।

इसी तरह 1 जून से 7 जुलाई के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कुल वर्षा सामान्य औसत से 15 प्रतिशत बढ़कर 254 मि०मी० पर पहुंच गई। इससे किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार बढ़ाने में अच्छी सहायता मिली।

बिजाई की प्रक्रिया जुलाई-अगस्त में काफी तेज रहेगी और इसका कुल क्षेत्रफल गत वर्ष के आसपास या उससे कुछ ऊपर पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।