ब्राजील में अगले सीजन में भी सोयाबीन के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान
18-Aug-2025 11:22 AM

ब्रासीलिया। दक्षिण अमरीका महाद्वीप में अवस्थित दुनिया के सबसे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक एवं निर्यातक देश- ब्राजील में एक बार फिर 2025-26 के सीजन में इस महत्वपूर्ण तिलहन का बिजाई क्षेत्र और उत्पादन बढ़कर नए ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
वहां अगले महीने (सितम्बर) से सोयाबीन की बिजाई आरंभ होगी जबकि अगले साल जनवरी-फरवरी में इसकी कटाई-तैयारी शुरू हो जाएगी। बेहतर वापसी हासिल होने से किसान उत्साहित हैं और वे सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने का जोरदार प्रयास कर सकते हैं।
ब्राजील के सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य-माटो ग्रोसो में यदि मौसम एवं वर्षा की हालत अनुकूल रही तो 7 सितम्बर से सोयाबीन की बिजाई आरंभ हो सकती है।
दूसरे प्रमुख उत्पादक प्रान्त पराना में बिजाई की प्रकिया विभिन्न इलाकों में अलग-अलग समय पर शुरू होने की संभावना है। कहीं यह 1 सितम्बर से तो कहीं 20 सितम्बर से आरंभ हो सकती है।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार विगत वर्षों की तुलना में इस बार ब्राजील में सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में कम बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसका क्षेत्रफल 2 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है लेकिन उत्पादन उछलकर 1730 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने की उम्मीद है।
केन्द्र सरकार की अधीनस्थ- कोनाब द्वारा बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन का अनुमानित आंकड़ा अक्टूबर रिपोर्ट में जारी किया जाएगा। इस बीच विभिन्न संघों- संगठनों एवं संस्थानों द्वारा सोयाबीन के बारे में अपना-अपना अनुमान घोषित किया गया है।
माटो ग्रोसो कृषि आर्थिक संस्थान के अनुसार राज्य में सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 1.67 प्रतिशत बढ़कर 130.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सकता है। एक अन्य संस्था ने क्षेत्रफल में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की है।
एक विश्लेषक फर्म का कहना है कि ब्राजील में इस बार सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में 2006-07 के बाद सबसे कम बढ़ोत्तरी होगी और इसलिए इसका कुल उत्पादन 1665.60 लाख टन तक हो सकता है।
दूसरी ओर एक अन्य संगठन में सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में 2 प्रतिशत और उत्पादन में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान लगाया है जिससे उत्पादन 1782 लाख टन पर पहुंच सकता है अमरीकी कृषि विभाग ने 2025-26 सीजन के दौरान ब्राजील में सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में 2.9 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना व्यक्त करते हुए इसका कुल उत्पादन 3.5 प्रतिशत बढ़कर 1750 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।