चालू सीजन में हाइब्रिड धान का क्षेत्रफल बढ़ने के आसार
07-Aug-2025 12:05 PM

नई दिल्ली। वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान हाइब्रिड किस्म के धान का उत्पादन क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि किसान इसकी खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। दरअसल हाइब्रिड धान की उपज दर ऊंची होती है
जिससे किसानों को बेहतर आमदनी प्राप्त हो जाती है। इस बार हाइब्रिड धान के बीज की बिक्री में अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। हालांकि देश के अधिकांश भागों में परम्परागत किस्मों के धान की खेती को प्राथमिकता दी जाती है मगर अब हाइब्रिड का भी प्रचलन तेजी से बढ़ने लगा है।
बीज विक्रेता कम्पनी के अनुसार आरंभिक संकेतों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान हाइब्रिड धान का उत्पादन क्षेत्र 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इसकी खेती में बांग्ला देश एवं श्रीलंका के किसान भी रूचि दिखा रहे हैं।
आगामी वर्षों में इसके क्षेत्रफल का दायरा और भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इसका लागत खर्च तो लगभग सामान ही बैठता है मगर उपज दर ऊंची रहती है जिससे किसानों की कमाई बढ़ जाती है। घरेलू प्रभाग में इस धान के चावल को काफी पसंद किया जाता है और इसके कारोबार का स्तर भी अनुकूल रहता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान देश में 1 अगस्त 2025 तक धान का कुल उत्पादन क्षेत्र 45.70 लाख हेक्टेयर या 17 प्रतिशत उछलकर 319.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
भारत में धान का कुल उत्पादन क्षेत्र 430 लाख हेक्टेयर के करीब रहता है जिसमें हाइब्रिड वैरायटी के क्षेत्रफल की हस्सेदारी महज 6 प्रतिशत के आसपास रहती है।
देश के पूर्वी भाग में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और वहां इसके रकबे की भागीदारी बढ़कर 15 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। दक्षिणी राज्यों में भी इसका क्षेत्रफल बढ़ रहा है।
हालांकि इस बार उत्तर प्रदेश एवं बिहार में हाइब्रिड धान के उत्पादन क्षेत्र में अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं देखी जा रही है मगर झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और गुजरात में क्षेत्रफल बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
नेपाल में भी इसकी खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। हाइब्रिड धान की उपज दर सामान्य किस्मों से 15-20 प्रतिशत ऊंची रहती है और इसकी फसल में प्रतिकूल मौसम तथा रोगों-कीड़ों के प्रकोप को बर्दाश्त करने की क्षमता भी ज्यादा होती है।