जून के अंत तक देश के अधिकांश भागों में मानसून के पहुंचने का अनुमान

17-Jun-2025 03:50 PM

तिरुअनन्तपुरम। दक्षिण-पश्चिम मानसून के मजबूत होकर दोबारा सक्रिय होने से देश के विभिन्न भागों में अच्छी बारिश होने के आसार बढ़ गए हैं।

यह मानसून अभी तक दक्षिणी प्रायद्वीप महाराष्ट्र एवं गोवा तक तथा पूर्वोत्तर राज्यों में ही सक्रिय था मगर अब महाराष्ट्र की सीमा से आगे निकलकर मध्य प्रदेश तथा गुजरात में प्रवेश कर रहा है। मौसम विभाग के विषेशज्ञों का कहना है कि चालू माह के अंत तक मानसून देश के अधिकांश भागों में पहुंच जाएगा। 

विशेषज्ञों के मुताबिक यदि 29 मई के बाद और 15 जून तक मानसून में ठहराव नहीं आया होता तो अब तक उत्तरी एवं मध्यवर्ती क्षेत्र के अनेक राज्यों में पहुंच चुका होता।

जून के पहले पखवाड़े के दौरान देश में 31 प्रतिशत कम बारिश हुई मगर दूसरे पखवाड़े में जोरदार वर्षा होने की उम्मीद है जिससे इस कमी की भरपाई हो सकती है।

अगले कुछ दिनों में इसकी प्रगति तेजी से होने की आशा है। बंगाल की खाड़ी में मौसमी परिस्थितियां अनुकूल हो गई हैं जिससे मानसून को मजबूती एवं ठोस सहारा मिलने की संभावना है। इससे दूर-दूर तक भारी वर्षा हो सकती है जिसकी सख्त आवश्यकता भी है।

मानसूनी वर्षा का अभाव होने से देश के अनेक इलाकों में खरीफ फसलों की खेती अभी तक शुरू नहीं हो पाई है और इसलिए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय इसके उत्पादन क्षेत्र का साप्ताहिक आंकड़ा भी जारी नहीं कर रहा है। कुछ प्रांतों- गुजरात, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के कृषि विभाग ने बिजाई का आंकड़ा जारी करना शुरू किया है।

समझा जाता है कि जुलाई के शुरूआती दो सप्ताहों के दौरान देश के अनेक क्षेत्रों में अत्यन्त मूसलाधार बारिश हो सकती है और कहीं कहीं बाढ़ का परिदृश्य उपस्थित हो सकता है।

इसमें भारतीय किसानों को धान, मक्का, दलहन, सोयाबीन, मूंगफली कपास एवं गन्ना सहित अन्य खरीफ फसलों की खेती करने में सहायता मिलेगी। देश में सर्वाधिक वर्षा जुलाई-अगस्त में होती है। जून के दूसरे हाफ में भी सामान्य औसत से अधिक वर्षा होने का अनुमान है।