जोरदार मांग एवं कमजोर आपूर्ति से नारियल तेल का भाव ऊंचा

20-Aug-2025 01:56 PM

कोच्चि। बारिश के अभाव, गर्म हवा की तेज लहर, कीड़ों- रोगों के आघात एवं उम्र दराज बागानों के कारण नारियल एवं कोपरा के उत्पादन में भारी गिरावट आने से नारियल तेल की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति काफी जटिल हो गई है

जबकि दूसरी और इसकी घरेलू एवं औद्योगिक मांग तेजी से बढ़ी है। इसके फलस्वरूप मांग एवं आपूर्ति के बीच भारी अंतर पैदा होने से नारियल तेल का भाव उछलकर इतने ऊंचे स्तर पर पहुंच गया कि यह आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है और नारियल तेल अब विलासिता का उत्पाद बन गया है। 

उल्लेखनीय है कि एशिया के अन्य उत्पादक देशों- फिलीपींस, इंडोनेशिया, थाईलैंड तथा श्रीलंका आदि में भी कोपरा एवं नारियल तेल के दाम में भारी वृद्धि हुई है मगर इसका सर्वाधिक असर भारत पर पड़ रहा है क्योंकि वहां इसकी खपत सबसे ज्यादा होती है।

पिछले दो वर्षों के दौरान इसके दाम में करीब तीन गुणा का इजाफा हो गया। इसके साथ ही नारियल तेल एक प्रीमियम प्रोडक्ट बन गया। 

नारियल तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी से इसके परम्परागत खपतकर्ताओं को भारी कठिनाई होने लगी है। केरल के साथ-साथ तमिलनाडु के कुछ भागों में भी नारियल तेल का उपयोग खाद्य तेल के रूप में होता है लेकिन इसका भाव अत्यन्त ऊंचे स्तर पर होने से उपभोक्ताओं को अब वैकल्पिक तेलों पर ध्यान देना पड़ रहा है जिसमें पामोलीन एवं सूरजमुखी तेल आदि शामिल है।

केरल के उपभोक्ता अब सामान्य उपयोग के लिए तो अन्य खाद्य तेलों का उपयोग करते हैं मगर नारियल तेल का स्टॉक बचाकर रखते हैं ताकि ऐसे व्यंजनों में इसका प्रयोग किया जा सके जिसमें अन्य खाद्य तेलों का इस्तेमाल ज्यादा लाभप्रद नहीं होता है। 

भारत में नारियल तेल का भाव पिछले दो वर्ष से भी कम समय में तीन गुणा उछलकर 4,23,000 रुपए (4840 डॉलर) प्रति टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जबकि इसी अवधि में वैश्विक बाजार मूल्य भी बढ़कर 2990 डॉलर प्रति टन के अन्य ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।

इंटरनेशनल कोकोनट कम्युनिटी (आईसीसी) के अनुसार वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में नारियल तेल का औसत वैश्विक बाजार भाव 2500-2700 डॉलर प्रति टन के बीच रह सकता है जबकि वर्ष 2023 में यह महज 1000 डॉलर प्रति टन चल रहा था। दक्षिण-पूर्व एशिया में पाम तेल पर इसकी छमाही के दौरान नारियल तेल की आपूर्ति ज्यादा होती है इसलिए इसके दाम में आगामी महीनों के दौरान नरमी आ सकती है।