कर्नाटक में अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की अगैती बिजाई में प्रगति

17-Jun-2025 10:53 AM

बंगलोर। कर्नाटक में इस बार मक्का और सोयाबीन सहित कुछ अन्य फसलों की खेती में किसान विशेष दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मानसून पूर्व की अच्छी वर्षा होने तथा दक्षिण-पश्चिम मानसून के भी नियत समय से 7-8 दिन पूर्व ही सक्रिय हो जाने से किसानों को खरीफ फसलों की अगैती बिजाई करने का अच्छा अवसर मिल रहा है।

अभी जून का आधा महीना ही खत्म हुआ है जबकि कर्नाटक में खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 20.42 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पूरे सीजन के लिए निर्धारित बिजाई लक्ष्य 84.50 लाख हेक्टेयर का लगभग 24 प्रतिशत है। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की समान अवधि में वहां 20.22 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बिजाई हुई थी। गत वर्ष की तुलना में इस बार कर्नाटक में मक्का का उत्पादन क्षेत्र 5.68 लाख हेक्टेयर से करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 6.37 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जबकि इस बार वहां 15.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बिजाई का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक खरीफ कालीन मक्का का एक अग्रणी उत्पादक राज्य है। 

राज्य में धान, बाजरा एवं मिलेट्स का रकबा गत वर्ष से पीछे चल रहा है लेकिन फिर भी मक्का की वजह से अनाजी फसलों का कुल क्षेत्रफल गत वर्ष के 6.84 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 7.43 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। 

लेकिन दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 4.91 लाख हेक्टेयर से 30 हजार हेक्टेयर घटकर इस बार 4.61 लाख हेक्टेयर रह गया।

इसके तहत यद्यपि मूंग का बिजाई क्षेत्र 2.47 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 2.54 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर अरहर (तुवर) का क्षेत्रफल 1.65 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.12 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

तिलहन फसलों के संवर्ग में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 1.01 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.24 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा और सूरजमुखी का रकबा भी 25 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 27 हजार हेक्टेयर हो गया लेकिन अन्य तिलहनों की बिजाई कम क्षेत्रफल में हुई।

नकदी या औद्योगिक फसलों में कपास का बिजाई क्षेत्र 1.59 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.44 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का क्षेत्रफल 4.22 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 4.20 लाख हेक्टेयर रह गया। राज्य में खनिज फसलों की बिजाई जोरशोर से जारी है।