खरीफ फसलों का रकबा 11 प्रतिशत बढ़कर 437 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंचा

08-Jul-2025 02:54 PM

नई दिल्ली। देश के विभिन्न भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी बारिश होने, मौसम की हालत अनुकूल रहने एवं किसानों द्वारा सक्रियता दिखाए जाने से खरीफ फसलों के उत्पादन क्षेत्र में शानदार वृद्धि हो रही है और बिजाई की रफ़्तार भी काफी तेज है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष के दौरान 4 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 437.43 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछल साल की समानअवधि के बिजाई क्षेत्र 393.77 लाख हेक्टेयर से 11.1 प्रतिशत अधिक तथा पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 1097 लाख हेक्टेयर का 40 प्रतिशत है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले एक सप्ताह के अन्दर खरीफ फसलों के उत्पादन क्षेत्र में लगभग 18 लाख हेक्टेयर का भारी इजाफा हो गया जिसमें तिलहन फसलों का योगदान सबसे अधिक 60 लाख हेक्टेयर का रहा। इस दौरान बारिश की हालत काफी अच्छी रही। आगमी समय में खरीफ फसलों की बिजाई की तेज रफ़्तार बरकरार रहने के आसार हैं। हालांकि पिछले साल के तुलना में इस बार अरहर (तुवर), मक्का, रागी, स्मॉल मिलेट्स, नाइजरसीड एवं अरंडी का रकबा पीछे चल रहा है लेकिन अन्य फसलों का उत्पादन क्षेत्र आगे निकल गया है।
कृषि मंत्रलय की रिपोर्ट के मुताबिक गत वर्ष के मुकाबले इस बार धान का उत्पादन क्षेत्र 64.52 लाख हेक्टेयर से 7.4 प्रतिशत सुधरकर 69.30 लाख हेक्टेयर तथा दलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 31.48 लाख हेक्टेयर से 35.2 प्रतिशत बढ़कर 42.57 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। दलहन फसलों के संवर्ग में उड़द का रकबा 5.02 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 5.27 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का क्षेत्रफल 6.73 लाख हेक्टेयर से उछलकर 16.58 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन तुवर का बिजाई क्षेत्र 18.52 लाख हेक्टेयर से 11 प्रतिशत घटकर 16.47 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
तिलहनों का रकबा पहले गत वर्ष से पीछे चल रहा था मगर अब 94.90 लाख हेक्टेयर से 14 प्रतिशत बढ़कर 108.21 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। इसके तहत सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 75.46 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 79.04 लाख हेक्टेयर तथा मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 17.73 लाख हेक्टेयर से उछलकर 26.74 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। सूरजमुखी का रकबा 45-46 हजार हेक्टेयर पर स्थिर है।