खरीफ कालीन दलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र में अनिश्चितता

17-Jun-2025 05:56 PM

नई दिल्ली। विदेशों से विशाल मात्रा में सस्ते माल का आयात जारी रहने तथा घरेलू बाजार भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास आ जाने से खरीफ कालीन दलहन फसलों के उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोत्तरी की संभवाना अनिश्चित हो गई है।

हालांकि केन्द्र सरकार ने तुवर एवं उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अच्छा इजाफा किया है और किसानों से इसकी 100 प्रतिशत खरीद करने का संकल्प भी व्यक्त किया है लेकिन किसानों में इसकी खेती के प्रति अपेक्षित उत्साह एवं आकर्षण नहीं देखा जा रहा है। 

खरीफ कालीन दलहन फसलों की बिजाई आरंभ हो चुकी है और 13 जून तक इसका रकबा 3.07 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो पिछले साल की समान अवधि के क्षेत्रफल 2.60 लाख हेक्टेयर से 47 हजार हेक्टेयर ज्यादा है।

मगर इस बढ़ोत्तरी में मूंग एवं उड़द का योगदान है जबकि तुवर का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से पीछे चल रहा है। दिलचस्प तथ्य यह है कि तुवर के दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में इस बार अच्छी बारिश हुई है मगर किसानों में पिछले साल वाला जोश नहीं है। 

निस्संदेह फिलहाल बिजाई का आरंभिक चरण है और आगे परिस्थिति में बदलाव हो सकते हैं। ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि देश में दलहनों का आयात उछलकर नए-नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने लगा है जबकि सरकार ने वर्ष 2027-28 तक इसके उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखा है।

दलहनों के आधार पर न केवल अत्यन्त विशाल धनराशि खर्च हो रही है बल्कि इसकी वजह से स्वदेशी किसानों के अपने उत्पाद का लाभप्रद मूल्य प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष भी करना पड़ रहा है। 

चालू खरीफ सीजन के लिए दलहन फसलों का कुल औसत उत्पादन क्षेत्र 129.60 लाख हेक्टेयर आंका गया है जिसमें तुवर का क्षेत्रफल 44.71 लाख हेक्टेयर, उड़द का 32.64 लाख हेक्टेयर, मूंग का 35.69 लाख हेक्टेयर, मोठ का 10.19 लाख हेक्टेयर, कुलथी का 1.78 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहनों का सामान्य औसत क्षेत्रफल 4.59 लाख हेक्टेयर शामिल है।

दलहन फसलों की जोरदार बिजाई जुलाई-अगस्त में होती है और उस समय मानसून की भारी बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। इससे किसानों को क्षेत्रफल बढ़ाने में सहायता मिल सकती है।

सरकार ने पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के लिए तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7550 रुपए प्रति क्विंटल से 450 रुपए बढ़ाकर 8000 रुपए प्रति क्विंटल तथा उड़द का एमएसपी 7400 रुपए प्रति क्विंटल से 400 रुपए बढ़ाकर 7800 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है जबकि मूंग के संवर्धन मूल्य में 86 रुपए की वृद्धि की गई है।