मई में इंडोनेशियाई पाम तेल के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी

18-Jun-2025 03:23 PM

जकार्ता। दुनिया में पाम तेल के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- इंडोनेशिया से क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के बजाए रिफाइंड श्रेणी के पाम तेल / पामोलीन के निर्यात को ज्यादा प्रोत्साहित किया जा रहा है।

अप्रैल 2025 में वहां से पाम तेल के उत्पादों का निर्यात काफी घट गया था लेकिन मई माह के दौरान इसमें शानदार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। प्राइवेट कार्गो सर्वेयर कंपनी- इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज (आईटीएस) की रिपोर्ट से पता चलता है कि मई में इंडोनेशिया से सभी पाम तेल उत्पादों के शिपमेंट में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई। 

इंटरटेक द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार अप्रैल की तुलना में मई 2025 के दौरान इंडोनेशिया से क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का निर्यात 47 हजार टन से बढ़कर 2 लाख टन, आरबीडी पामोलीन का निर्यात 5.45 लाख टन से उछलकर 8.18 लाख टन तथा रिफाइंड पाम तेल का शिपमेंट 2.74 लाख टन से सुधरकर 3.60 लाख टन पर पहुंच गया। अन्य पाम तेल उत्पादों के निर्यात में भी बढ़ोत्तरी हुई। 

समीक्षाधीन अवधि के दौरान इंडोनेशिया से पाम तेल उत्पादों का निर्यात भारत में 2.43 लाख टन से 141 प्रतिशत उछलकर 5.87 लाख टन, चीन को 2.72 लाख टन से 15 प्रतिशत बढ़कर 3.12 लाख टन तथा यूरोपीय संघ को 2.65 लाख टन से 14 प्रतिशत सुधरकर 3.01 लाख टन पर पहुंच गया। 

भारत में जनवरी से अप्रैल 2025 के दौरान पाम तेल का आयात बहुत कम हुआ क्योंकि इसका अंतर्राष्ट्रीय बाजार भाव सोयाबीन तेल से काफी ऊपर चल रहा था। वैश्विक बाजार में दोनों खाद्य तेल एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं।

आतमौर पर पाम तेल का दाम सोयाबीन तेल से 100-150 डॉलर प्रति टन नीचे रहता है मगर जनवरी-अप्रैल में यह 100-150 डॉलर प्रति टन ऊपर रहा।

इसके फलस्वरूप क्रूड पाम तेल के बजाए भारतीय रिफाइनर्स ने क्रूड सोयाबीन तेल के आयात को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया। इसके बाद जब मलेशिया इंडोनेशिया में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक तेजी से बढ़ने लगा तब इसकी कीमतों पर दबाव पड़ना शुरू हो गया और इसका भाव घटकर सोया तेल से नीचे आ गया। 

2023-24 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान भारत में प्रतिमाह औसतन 7.50 लाख टन पाम तेल का आयात किया गया जबकि 2024-25 सीजन की पहली छमाही में यह औसत मासिक आयात घटकर 5 लाख टन से भी नीचे आ गया।