मध्य प्रदेश में समय से पूर्व मानसून के पहुंचने से किसानों की सक्रियता बढ़ी
19-Jun-2025 12:30 PM

ग्वालियर। दक्षिण-पश्चिम मानसून न केवल मध्य प्रदेश में पहुंच गया है बल्कि काफी तेजी से आगे भी बढ़ रहा है। इसने राज्य के अधिकांश जिलों को कवर कर लिया है और अगले कुछ दिनों में शेष जिलों में भी इसके पहुंचने की उम्मीद है।
कल यानी 18 जून को इसकी गति बहुत तेज देखी गई। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश के 35 जिलों में मानसून सक्रिय हो चुका है जिसमें ग्वालियर भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य प्रदेश में 16 जून को पहुंचा था। उस दिन खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर तथा बड़वानी जैसे पश्चिमी जिलों में बारिश हुई थी।
फिर मानसून दक्षिणी भाग के 17-18 जिलों में पहुंचा और 18 जून को उत्तरी तथा मध्यवर्ती जिलों में सक्रिय हो गया। इससे मध्य प्रदेश के किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई में अच्छी सहायता मिल रही है।
इससे पूर्व ऊंचे तापमान और बारिश के अभाव के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है थी। 18 जून को ही मानसून अपने नियत समय से 8 दिनों पूर्व ग्वालियर पहुंच गया जबकि 2021 में 19 जून को पहुंचा था।
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून अब तक मध्य प्रदेश के जिन 35 जिलों में पहुंच चुका है उसमें उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह, सागर, राजगढ़, भोपाल, विदिशा, रायसेन, शाजापुर, आगर, सतना,
रीवा, निवारी, सिंगरौली, सीधी, शहडोल, अनूपपुर, जबलपुर , मैहर, कटनी, उमरिया, शिवपुरी, अशोक नगर, गुना, नरसिंहपुर, दतिया, मुरैना, ग्वालियर एवं श्योपुर कलां सम्मिलित है।
लेकिन इंदौर और इसके आसपास के जिलों में इसका पहुंचना बाकी था। उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही मानसून शेष जिलों को भी कवर कर लेगा।
मध्य प्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज तथा कपास सहित अन्य फसलों की खेती बड़े पैमाने पर होती है। वह सोयाबीन तथा उड़द का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य माना जाता है।
इसके अलावा वहां तुवर, मूंग, मक्का, ज्वार-बाजरा तथा अन्य फसलों की खेती भी बड़े पैमाने पर होती है। किसानों को मानसून के आने का इंतजार था जो अब खत्म हो गया है। और इसलिए शीघ्र ही वहां खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है।