नियमित बारिश के सहारे बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ा
18-Aug-2025 10:46 AM

नई दिल्ली। देश के विभिन्न भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की नियमित एवं जोरदार बारिश होने से बांधों एवं जलाशयों में पानी का स्तर बढ़कर 75 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है।
महाराष्ट्र के नांदेड एवं वाशिम सहित कई जिलों में अब भी वर्षा का दौर जारी है। इधर पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में मानसून सक्रिय है जबकि पूर्वी राज्यों में भी बारिश हो रही है।
केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर 161 प्रमुख बांधों में पानी का स्टॉक बढ़कर 135.277 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पर पहुंच गया है जो इसकी कुल भंडारण क्षमता 182.496 बीसीएम का 74.13 प्रतिशत है। यह जल स्तर गत वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत बिंदु तथा 10 वर्षीय औसत स्टॉक के मुकाबले 24 प्रतिशत बिंदु ऊंचा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी तक सामान्य रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर 1 जून से अब तक कुल 570.70 मि०मी० बारिश हुई है जो दीर्घकालीन औसत (एलपीए) 572.80 मि०मी० के लगभग बराबर ही है।
लेकिन इस बार भी मानसूनी बारिश का वितरण असमान देखा जा रहा है। देश के जिन 723 जिलों से मौसम का आंकड़ा एकत्रित किया जाता है उसमें से कम से कम 28 जिलों में बारिश का अभी तक अभाव बना हुआ है।
देश का पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भाग एक मात्र ऐसा इलाका है जहां अभी तक सामान्य से करीब 16 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। दूसरी ओर पश्चिमोत्तर भारत में सामान्य औसत से 15 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है।
कृषि विषेशज्ञों का कहना है कि बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर बढ़कर संतोषजनक हो गया है जिससे मौजूदा खरीफ फसलों के साथ-साथ आगामी रबी फसलों की सिंचाई के लिए भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा।
अक्टूबर से रबी फसलों की बिजाई शुरू होगी। उधर खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से करीब 4 प्रतिशत आगे चल रहा है। लगातार हो रही बारिश से बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर आगे भी बढ़ने की उम्मीद है।
देश का 8 जलाशय अपनी पूरी क्षमता तक पानी से भरा हुआ है और कई बांधों के गेट खोले जा रहे हैं। कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है जिससे खरीफ फसलों को नुकसान होने की आशंका है। अनेक बांधों-जलाशयों में भंडारण क्षमता के सापेक्ष 80-90 प्रतिशत पानी का स्टॉक मौजूद है।