ऑस्ट्रेलिया में मसूर की फसल के लिए मौसम की हालत अनुकूल

17-Jun-2025 08:34 PM

ब्रिसबेन। ऑस्ट्रेलिया में मसूर की बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है और हाल की बारिश से फसल को राहत मिल रही है। दोनों प्रमुख उत्पादक राज्यों साउथ ऑस्ट्रेलिया एवं विक्टोरिया में चालू माह के दौरान अब तक कम से कम 20 मि०मी० वर्षा हो चुकी है। 

सरकारी एजेंसी- अबारेस की रिपोर्ट के अनुसार मसूर का बिजाई क्षेत्र 2024-25 सीजन के मुकाबले 2025-26 सीजन के दौरान साउथ ऑस्ट्रेलिया में 5.30 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.76 लाख हेक्टेयर, विक्टोरिया में 5.20 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 4.70 लाख हेक्टेयर,

न्यू साउथ वेल्स में 35 हजार हेक्टेयर से गिरकर 30 हजार हेक्टेयर तथा क्वींसलैंड में 1300 हेक्टेयर से फिसलकर 1100 हेक्टेयर रह जाने एक अनुमान है जबकि वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में यह 10,500 हेक्टेयर से सुधरकर 15000 हेक्टेयर पर पहुंचने के आसार हैं। 

अबारेस की तिमाही रिपोर्ट में समीक्षाधीन अवधि के दौरान मसूर का उत्पादन साउथ ऑस्ट्रेलिया में 7.50 लाख टन से घटकर 6.90 लाख टन, विक्टोरिया में 6.50 लाख टन से लुढ़ककर 5.55 लाख टन,

न्यू साउथ वेल्स में 50 हजार टन से गिरकर 30 हजार टन तथा क्वींसलैंड में 1500 टन से फिसलकर 1200 टन पर सिमट जाने का अनुमान लगाया गया है जबकि वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में उत्पादन 16 हजार टन से बढ़कर 21 हजार टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है। 

दरअसल बिजाई के शुरूआती चरण में वहां मौसम शुष्क बना हुआ था जिससे कुछ क्षेत्रों में बीज में ठीक से अंकुरण नहीं हो सका और क्षेत्रफल में भी गिरावट आ गई। 

ऑस्ट्रेलिया में मसूर का कारोबार काफी कम हो रहा है और सितम्बर से इसकी रफ्तार तेज होने की उम्मीद है। यदि मसूर की अगली फसल की उपज दर औसत स्तर की आंकी गई तो उत्पादकों को पुराना स्टॉक बाहर निकालने में सहायता मिल जाएगी।

दक्षिण एशिया की कमजोर मांग के कारण मसूर की अगली नई फसल का भाव मौजूदा स्टॉक के मुकाबले 100 डॉलर प्रति टन नीचे चल रहा है। बांग्ला देश एवं श्रीलंका द्वारा इसकी थोड़ी बहुत खरीद की जा रही है। भारत में 1 अप्रैल से मसूर पर 11 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू है।