साप्ताहिक समीक्षा- हल्दी

21-Jun-2025 07:54 PM

हल्दी के भाव न्यूनतम स्तर पर : अब मंदे की संभावना नहीं 

नई दिल्ली। विगत कुछ समय से हल्दी की कीमतों में मंदे का दौर चल रहा है क्योंकि एक ओर जहां निर्यात आशानुरूप नहीं हो रहा है वहीं दूसरी तरफ लोकल मांग भी कमजोर चल रही है। जिस कारण से चालू माह के दौरान हाजिर बाजारों में हल्दी के भाव 5/7 रुपए प्रति किलो तक घट गए हैं। अभी हाल-फिलहाल तेजी की संभावना भी नहीं है लेकिन भाव काफी घट जाने के कारण वर्तमान में अधिक मन्दा भी संभव नहीं है। हाजिर के अलावा वायदा बाजार में भाव मंदे बोले जा रहे हैं। चालू सप्ताह के शुरू में जून माह का हल्दी वायदा 14098 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 13990 रुपए पर बंद हुआ। जुलाई का भाव सप्ताह के अंत में 14320 रुपए पर बंद हुआ जबकि शुरू में भाव 14570 रुपए खुला था। 
बिजाई अनुमान 
हल्दी उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले राज्य महाराष्ट्र में बिजाई का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। क्योंकि मई माह के दौरान हुई अच्छी बारिश के पश्चात बिजाई का कार्य शुरू हो गया है। व्यापारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सांगली लाइन पर बिजाई 20/25 प्रतिशत अधिक होने के समाचार है जबकि मराठवाड़ा में 25/30 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर बिजाई किए जाने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में बिजाई की नई फसल को बारिश की जरूरत है अगर चालू माह के अंत तक बारिश नहीं होती है तो बिजाई की गई हल्दी को नुकसान हो सकता है। हालांकि ट्यूबवैल सिंचित क्षेत्रों में कोई नुकसान नहीं होगा। निजामाबाद लाइन पर भी हल्दी की बिजाई का 75/80 प्रतिशत कार्य हो चुका है। अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार निजामाबाद लाइन पर भी बिजाई 15/20 प्रतिशत अधिक रहने के समाचार है। इरोड, दुग्गीराला लाइन पर बिजाई जुलाई माह में शुरू हो जाएगी। 
आवक कम 
लगातार गिरती कीमतों के कारण मंडियों में हल्दी की दैनिक आवक काफी कम रह गई है। इरोड मंडी में आवक 1500/2000 बोरी की रह गई है जबकि निजामाबाद में आवक भी 1200/1500 बोरी की होने लगी है। सांगली में आवक 2000/2500 बोरी की हो रही है। मराठवाड़ा की हिंगोली, बसमत, नांदेड में भी आवक काफी कम रह गई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि मराठवाड़ा में अभी भी किसानों के 20/25 प्रतिशत माल का स्टॉक है जोकि मजबूत हाथों में है। यह स्टॉक भाव बढ़ने के पश्चात बाजार में आएगा। 
स्टॉक 
व्यापारियों का मानना है कि वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों एवं खपत केन्द्रों पर हल्दी का स्टॉक 42/45 लख बोरी के आसपास माना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार मराठवाड़ा व्यापारियों एवं किसानों के पास लगभग 14/16 लाख बोरी का स्टॉक होने की संभावना है। जबकि निजामाबाद 4/5 लाख बोरी, इरोड 4/5 लाख बोरी के अलावा सांगली में भी 3/4 लाख बोरी का स्टॉक माना जा रहा है। जबकि दुग्गीराला एवं वारंगल में स्टॉक 5/6 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा खपत केन्द्रों पर स्टॉक 10/12 लाख बोरी होने की संभावना है। 
मन्दा-तेजी 
सूत्रों का कहना है कि हल्दी की वर्तमान कीमतों में अब अधिक मंदे की संभावना नहीं है। जहां तक तेजी का सवाल है वह आगामी दिनों में मानसून एवं निर्यात मांग पर निर्भर करेगा। विदेशों में हालात अच्छे नहीं होने के कारण विगत कुछ समय से हल्दी का निर्यात प्रभावित हो रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगस्त-सितम्बर माह में हल्दी में निर्यात मांग निकलेगी। उस स्थिति में भाव बढ़ सकते हैं। जुलाई माह के दौरान भाव 5/7 रुपए प्रति किलो मन्दा-तेजी के बीच ही बने रहेंगे। वर्तमान दिल्ली बाजार में हल्दी सिंगल पॉलिश गट्ठा का भाव 138/140 रुपए चल रहा है। 
निर्यात 
वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान मात्रात्मक रूप से हल्दी का निर्यात 9 प्रतिशत बढ़ा है जबकि आय में 54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 के दौरान हल्दी का निर्यात 162018.46 टन का किया गया था और निर्यात से प्राप्त आय 1875.86 करोड़ की रही थी जबकि वर्ष 2024-25 में निर्यात 176325.34 टन का किया गया और निर्यात से प्राप्त आय 2885.39 करोड़ की रही।