तेलंगाना में अच्छी बारिश के बावजूद खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से काफी पीछे
19-Jun-2025 10:53 AM

हैदराबाद। दक्षिण भारत में धान और कपास के सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- तेलंगाना में यद्यपि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी वर्षा हुई है और मानसून-पूर्व की बारिश भी सामान्य रही थी मगर इसके बावजूद खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से काफी पीछे चल रही है। इसके तहत खासकर कपास के क्षेत्रफल में भारी गिरावट आई है और दलहनों का रकबा भी काफी घट गया है।
राज्य कृषि विभाग तेलंगाना में 18 जून तक खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 25.28 लाख एकड़ से 6.11 लाख एकड़ घटकर 19.17 लाख एकड़ पर अटक गया।
इसके तहत यद्यपि धान सहित अनाजी फसलों का रकबा 98 हजार एकड़ से सुधरकर 1.03 लाख एकड़ तिलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 34 हजार एकड़ से उछलकर 1.04 लाख एकड़ पर पहुंचा मगर दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 1.17 लाख एकड़ से घटकर 55 हजार एकड़ और कपास का क्षेत्रफल 19.59 लाख एकड़ से लुढ़ककर 15.27 लाख एकड़ रह गया।
गत वर्ष के मुकाबले वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान तेलंगाना में धान का उत्पादन क्षेत्र 34 हजार एकड़ से सुधरकर 36 हजार एकड़, ज्वार का रकबा 14 हजार एकड़ से बढ़कर 18 हजार एकड़ तथा रागी का बिजाई क्षेत्र 20 एकड़ से उछलकर 55 एकड़ पर पहुंचा लेकिन उम्मीद के विपरीत का क्षेत्रफल 50 हजार एकड़ से फिसलकर 49 हजार एकड़ के करीब रह गया।
दलहन फसलों में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 1.01 लाख एकड़ से लुढ़ककर इस बार 51 हजार एकड़ के करीब सिमट गया। इसी तरह मूंग का बिजाई क्षेत्र 14 हजार एकड़ से घटकर 4 हजार एकड़ और उड़द का क्षेत्रफल 2 हजार एकड़ से गिरकर 1 हजार एकड़ रह गया।
तिलहन फसलों के संवर्ग में मुख्यत: सोयाबीन की खेती हुई है। इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 32 हजार एकड़ से उछलकर इस बार 1.04 लाख एकड़ से ऊपर पहुंच गया है। इसके अलावा 52 एकड़ में मूंगफली एवं 80 एकड़ में अरंडी की खेती हुई है।
गन्ना का रकबा 6 हजार एकड़ के करीब पहुंचा है जबकि अन्य फसलों की बिजाई सामान्य गति से आगे बढ़ रही है। इस बार कपास की खेती में किसानों की दिलचस्पी कम देखी जा रही है
क्योंकि 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में बाजार भाव कमजोर रहने से किसानों को अपना अधिकांश स्टॉक सरकारी एजेंसी को बेचना पड़ा था। तेलंगाना देश में कपास का तीसरा सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। आगामी समय में वहां बिजाई की गति तेज होने की उम्मीद है।