अनेक राज्यों में मानसून की जोरदार बारिश से खेतों में पानी भरा

03-Jul-2025 07:41 PM

नई दिल्ली। दक्षिण- पश्चिम मानसून अपने पीक की ओर बढ़ रहा है और देश के विभिन्न राज्यों में झमाझम मूसलाधार बारिश हो रही है। इससे खेतों में पानी भर गया है। नदी-नाले उफान पर हैं और कई इलाकों में बाढ़ का परिदृश्य देखा जा रहा है।

ऐसे क्षेत्रों में धान को छोड़कर अन्य खरीफ कालीन फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है। लेकिन जिन इलाकों में सामान्य वर्षा हुई है वहां फसलों की जोरदार बिजाई का सिलसिला जारी है। 

राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, हरियाणा एवं उड़ीसा तथा बंगाल जैसे राज्यों में मानसून की सक्रियता बनी हुई है।

इसके फलस्वरूप किसानों को विभिन्न फसलों की खेती में अच्छी सहायता मिल रही है। धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज तथा कपास आदि का रकबा गत वर्ष से आगे हो गया है

जिससे इसके बेहतर उत्पादन के आसार हैं। बांधों-जलाशयों में पानी का भंडार लगातार बढ़ता जा रहा है और कुछ बांधों में जलस्तर ज्यादा बढ़ने से उसके गेट खोले जा रहे हैं जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

गंगा, यमुना, गंडक तथा सरयू सहित अनेक नदियां खतरे के निशान के करीब या उससे ऊपर बह रही हैं। नेपाल में अत्यन्त मूसलाधार वर्षा होने से भी कुछ नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। 

जून में शुरूआती दो सप्ताहों के दौरान मानसून की सुस्ती के कारण बारिश की कमी रही मगर दूसरे पखवाड़े की जोरदार वर्षा ने न केवल इस कमी को आसानी से पूरा कर दिया बल्कि सम्पूर्ण माह की सकल बारिश को सामान्य औसत से ऊपर भी पहुंचा दिया।

अब जुलाई का महीना आरंभ हो चुका है और मानसून काफी मजबूत बना हुआ है। मौसम विभाग ने जून की भांति जुलाई में भी सामान्य औसत से अधिक वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है।