ईसबगोल में मंदे की संभावना नहीं

03-Jul-2025 06:39 PM

नई दिल्ली। विगत कुछ समय से ईसबगोल की कीमतों में मंदे का दौर बना हुआ है। मगर वर्तमान कीमतों में अब मंदे की संभावना नहीं है क्योंकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर आवक सीमित रह गई है। साथ ही वर्तमान में भाव भी गत वर्ष की तुलना में 30/35 रुपए प्रति किलो नीचे चल रहे हैं।

ईसबगोल के प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में नौखा, नागौर, मेड़ता मंडी में वर्तमान में ईसबगोल के भाव 100/115 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं। जबकि गुजरात की उंझा मंडी में भाव 100/120 रुपए प्रति किलो के चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2024 के दौरान उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर ईसबगोल का भाव 140/150 रुपए प्रति किलो चल रहा था जबकि जुलाई 2023 में रिकॉर्ड भाव 260/270 रुपए के बन गए थे। देश में ईसबगोल के कुल उत्पादन में राजस्थान का योगदान 70/75 प्रतिशत का रहता है। जबकि गुजरात की भागीदारी 20/25 प्रतिशत की रहती है। ईसबगोल की नई फसल मार्च-अप्रैल में शुरू होती है। 

आवक 

वर्तमान में गुजरात की ऊंझा मंडी में ईसबगोल की आवक 2000/2500 बोरी की हो रही जोकि अप्रैल माह में 22/25 हजार बोरी की हो रही थी राजस्थान की नौखा, नागौर, मेड़ता मंडी में भी आवक 1500/2000 बोरी की रह गई है। सीजन पर आवक 10/12 हजार बोरी की हो रही थी।

उत्पादन कम 

चालू सीजन के दौरान देश में ईसबगोल की पैदावार गत वर्ष की तुलना में कम रही है। मगर गत वर्ष का बकाया स्टॉक अच्छा रहने के कारण कीमतों में मंदी का दौर बना रहा। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष देश में ईसबगोल का उत्पादन 38/40 लाख बोरी का रहा था जोकि रिकॉर्ड पैदावार मानी गई थी। चालू सीजन के दौरान पैदावार 28/30 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 70/75 किलो) रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। नई फसल के समय बकाया स्टॉक भी 7/8 लाख बोरी का माना जा रहा था। 

मंदा नहीं 

जानकार व्यापारियों का कहना है कि ईसबगोल की वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि भाव काफी घट गए हैं इसके अलावा मंडियों में आवक भी कम रह गई है। सूत्रों का मानना है कि जुलाई अगस्त माह के दौरान ईसबगोल के दामों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी आने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में ईसबगोल के भाव 100/115 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं। क्योंकि आगामी दिनों में बढ़कर 110/130 रुपए बढ़ने की धारणा है।