त्यौहारी मांग से पूर्व चीनी की आपूर्ति की स्थिति जटिल होने के संकेत
03-Jul-2025 07:09 PM

नई दिल्ली। इस वर्ष अगस्त से नवम्बर के चार महीनों के दौरान घरेलू प्रभाग में बिक्री के लिए उद्योग के पास लगभग 90 लाख टन चीनी का स्टॉक उपलब्ध रहने की संभावना है जिससे इसकी मांग एवं आपूर्ति के बीच जटिल स्थिति बनने की आशंका है।
इसका एक कारण यह है कि अगस्त से ही देश में त्यौहारी सीजन आरंभ हो जाता है जिसमें अक्सर चीनी की मांग एवं खपत बढ़ जाती है। स्वदेशी उद्योग एवं सरकार को इस वर्ष गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन सीजन अपेक्षाकृत जल्दी आरंभ होने की उम्मीद है।
यदि ऐसा हुआ तो चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सामान्य रह सकती है अन्यथा कुछ संकट उत्पन्न हो सकता है। मानसून की बारिश भी चीनी के उत्पादन में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
वर्ष 2024 के अगस्त-नवम्बर की अवधि के दौरान सरकार ने 93 लाख टन चीनी की घरेलू बिक्री का कोटा निर्धारित किया था और फिर भी स्टॉक की स्थिति अच्छी बनी रही।
2023-24 सीजन की समाप्ति के समय उद्योग के पास लगभग 80 लाख टन चीनी का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था इसलिए 2024-25 के सीजन में उत्पादन 18 प्रतिशत घटकर 261 लाख टन पर सिमटने के बावजूद अभी तक आपूर्ति एवं उपलब्धता की हालत काफी हद तक सुगम बनी हुई है।
लेकिन 2024-25 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन के अंत में यानी 30 सितम्बर 2025 को उद्योग के पास चीनी का स्टॉक घटकर 47 लाख टन के करीब रह जाएगा।
यदि अक्टूबर-नवम्बर में बेहतर उत्पादन नहीं हुआ तो मांग एवं आपूर्ति के बीच जटिलता काफी बढ़ सकती है और तब कीमतों में तेजी आना निश्चित हो सकता है।
अक्टूबर-नवम्बर 2025 के दो महीनों में 30-35 लाख टन चीनी का घरेलू उत्पादन होना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर-नवम्बर 2024 के दौरान देश में 27.90 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जबकि इस बार गन्ना की क्रशिंग कुछ जल्दी शुरू होने की उम्मीद है।
30 जून 2025 को उद्योग के पास 112 लाख टन चीनी का स्टॉक आंका गया जबकि इसमें से 22 लाख टन का कोटा जुलाई माह के लिए नियत कर दिया गया।
इसके बाद मिलर्स के पास 31 जुलाई को 90 लाख टन चीनी का स्टॉक बचेगा। अक्टूबर 2024 से जुलाई 2025 तक सरकार द्वारा कुल 229.50 लाख टन चीनी का कोटा आवंटित किया गया जो गत वर्ष से 6 प्रतिशत कम रहा।