चावल का शानदार उत्पादन होने पर भंडारण संकट बढ़ेगा
01-Jul-2025 08:35 PM

नई दिल्ली। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार केन्द्रीय पूल में 1 जून 2025 को करीब 390 लाख टन चावल का प्रत्यक्ष स्टॉक मौजूद था। इसके अलावा 320 लाख टन से अधिक धान का भी स्टॉक उपलब्ध था जो करीब 230 लाख टन चावल के समतुल्य था।
सरकारी गोदाम चावल से लबालब भरे हुए हैं जबकि खरीफ कालीन धान की खेती जोर शोर से हो रही है। इसका उत्पादन क्षेत्र 27 जून 2025 तक बढ़कर 35.02 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की इसी तिथि तक के क्षेत्रफल 23.78 लाख हेक्टेयर से 47 प्रतिशत ज्यादा है।
धान की सर्वाधिक रोपाई-अगस्त में होती है जबकि जब समूचे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की भारी बारिश होती है। मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है जिससे धान का क्षेत्रफल बढ़ सकता है।
केन्द्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 69 रुपए बढ़ाकर सामान्य श्रेणी के लिए 2369 रुपए प्रति क्विंटल तथा 'ए' ग्रेड के लिए 2389 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जिससे किसानों का उत्साह बढ़ गया है। सामान्य श्रेणी के धान की सरकारी खरीद की गारंटी रहती है इसलिए किसानों को अपने उत्पाद की बिक्री की चिंता नहीं रहती है।
लेकिन धान-चावल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने पर इसके सुरक्षित भंडारण की समस्या गंभीर हो सकती है। सरकारी गोदामों में ज्यादा खाली जगह नहीं है जबकि अक्टूबर से धान एवं नवम्बर से चावल के नए माल की आवक शुरू हो जाएगी।
अगले तीन-चार महीनों में सरकार को चावल का स्टॉक घटाने और गोदामों को खाली करने का भागीरथ प्रयास करना होगा। केन्द्रीय पूल के लिए अत्यन्त विशाल मात्रा में चावल की खरीद होती है।
सरकार ओएमएसएस सहित अन्य सम्बन्ध पक्षों या खरीदारों के लिए चावल का दाम बढ़ाने का निर्णय ले चुकी है जिससे उठाव पर असर पड़ सकता है।